राप्त रिपोर्ट के अनुसार मरकोबान, करबाबाद और अबूसबी में लोगों ने शहीदों और राजनितिक क़ैदियों के समर्थन में विरोध प्रदर्शन किये जहाँ आले खलीफा के पालतू नौकरों से प्रदर्शनकारियों की झड़पों की खबरे हैं।
इससे कुछ घंटे पहले ही अलनयदरात, मुसल्ला, दराज़ और सनाबिस में भी व्यापक स्तर पर विरोध प्रदर्शन हुए थे। कड़ाके की सर्दी में भी लोग अपने चहेते लीडर शैख़ ईसा क़ासिम के घर के बाहर जमा हैं।
ज्ञात रहे कल भी बहरैनी फ़ौज ने घरों में हमला कर के ३ जवानों को बन्दी बना लिया था। उधर २० से ज़्यादा संस्थाओ और क़ानूनी इकाइयों ने ब्रिटेन के विदेशमंत्री को पत्र लिखकर राजनीतिक बन्दी रजब नबील की रिहाई की मांग की है ।
ज्ञात रहे कि बहरैन में १४ फरवी २०११ से ही आले खलीफा के अत्याचारों के विरुद्ध विरोध प्रदर्शन हो रहे है लेकिन सऊदी अरब यूएई और दूसरे सहयोगियों की मदद से उसे क्रूरतापूर्वक कुचल दिया जाता है।