मूसेल में होने वाले जानी नुकसान के बारे में कोई ठीक जानकारी उपलब्ध नहीं है । यहाँ ४७ -४८ डिग्री में मलबे के नीचे शव दबे पड़े हैं । लेकिन रिपोर्ट के अनुसार सिर्फ अमेरिकी हमलो मे ही यहाँ हज़ार से अधिक बेगुनाह नागरिक मारे गए है । लंदन से प्रकाशित समाचार पत्र आई के अनुसार अमेरिका ने मूसेल में हवाई हमलों में ज़रूरत से अधिक बल प्रयोग किया है । अमेरिका ने दाइश के विरुद्ध संघर्ष के नाम पर अत्यधिक क्रूरता दिखाई है दाइश के एक शूटर को ढेर करने के नाम पर पूरी पूरी बिल्डिंग को भीषण बमबारी का निशाना बनाया गया है । प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार इन हमलों में १००० से अधिक लोग मारे गए हैं । क़ुसै नामक एक मूसेल वासी ने खण्डहर बन चुके अपने इलाके की पुरानी तस्वीर दिखते हुए कहा कि हमारे मोहल्ले में दाइश का कोई आतंकी नहीं था लेकिन फिर भी अमेरिका ने यहाँ भीषण बमबारी की । एक नागरिक ने एक बिल्डिंग की तस्वीर दिखाते हुए कहा कि यहाँ दाइश का कोई सदस्य नहीं था लेकिन अमेरिका ने फिर भी बमबारी की जिसमे इस बिल्डिंग में रहने वाले लोग तथा दो अन्य मुसाफिर भी मारे गए । यहाँ होने वाले जानी नुकसान के बारे में कोई भी सही आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं । यहाँ के दर्दनाक हालात समझने, और वहाबी आतंकियों और अमेरिका के अत्याचार समझने के लिए यही काफी है कि अब भी ४७ डिग्री की गर्मी में भारी मलबे के नीचे लाशे दबी हुई हैं ।