आख़वंद का कहना है कि बहरैनी सरकार अपने नागरिकों को इंसाफ़ नहीं दे पाती, अतः वह उन पर बिलावजह के आरोप लगा कर उनके खिलाफ़ कार्यवाई करती है
अहलेबैत (अ )न्यूज़ एजेंसी अबनाः प्राप्त सूत्रों के अनुसार वाशिंगटन में मौजूद मानवाधिकार विशेषज्ञ मुस्तफ़ा अहमद ने बहरैन के हालात पर बात करते हुए कहा है कि बहरैन एक जंगल राज है, जहां क़ानून नाम की कोई चीज़ नहीं है।
बहरैन में अमेरिका के पूर्व राजदूत जान कारिया कोफ़ बहरैन के हालात पर बात करते हुए कहते हैं कि जब कि बहरैन के शिया मुसलमान बहरैनी नागरिक होने के साथ-साथ अरबी भाषा में बात करते हैं, लेकिन फिर भी सरकार उन्हें ईरानी सरकार का सहयोगी समझती है, सरकार का यह रवैय्या सही नहीं है।
आख़वंद का कहना है कि बहरैनी सरकार अपने नागरिकों को इंसाफ़ नहीं दे पाती, अतः वह उन पर बेवजह के आरोप लगा कर उनके खिलाफ़ कार्यवाई करती है, क्योंकि बहरैनी सरकार के पास लोगों पर आरोप लगाने के लिए ईरान सबसे बड़ा बहाना है, और अगर ईरान बहरैन में हस्तक्षेप करना चाहता तो यह उसके लिए बहुत आसान था, लेकिन किसी देश के विदेशी मामलों में हस्तक्षेप करना ईरान के प्रोग्राम का हिस्सा नहीं है।