हर वह अहम तारिख़ी वाक़ेया जिस में उम्मत के रहबर की बात हो और बहुत सी जमाअत के दरमियान वह वाक़ेया पेश आया हो, इस बात का तक़ाज़ा करता है कि वह मुतवातिर हो, मख़्सूसन अगर इस वाक़ेया में अज़ीमुश शान रहबराने इलाही ने ऐहतेमाम भी किया हो और हर मुल्क व हर शहर के लोग इस वाक़ेया के शाहिद व नाज़िर हों, नीज़ उस रहबर की तरफ़ से इस वाक़ेया को नश्र करने की मज़ीद ताकीद भी हो तो ऐसे हालात के पेशे नज़र क्या यह दावा किया जा सकता है कि ऐसे वाक़ेया को एक या दो या चंद लोग बयान करेंगें? या यक़ीनी तौर पर इस वाक़ेया की नक़्ल मुतावातिर होगी? हदीसे ग़दीर इसी क़िस्म का वाक़ेया है, क्यो कि पैग़म्बरे अकरम (स) ने इस हदीस को मुख़तलिफ़ इस्लामी मुमालिक और मुख़्तलिफ़ इस्लामी शहरों के दसियों हज़ार लोगों के मजमे में बयान किया है और ताकीद फ़रमाई कि इस वाक़ेया के दरमियान बयान किया जाये।
हदीसे ग़दीर के तवातुर का इक़रार करने वाले उलामा
(1)जलालुद्दीन सुयूती
(2)अल्लामा मनावी
(3)अल्लामा अज़ीज़ी
(4)मुल्ला अली क़ारी हनफ़ी
अल फ़वायदुल मुताकासिरा फ़ी अख़बारिल मुतावातिरा
अत तयसीर फ़ी शरहे जामेइस सग़ीर जिल्द 2 पेज 442
शरहे जामेइस सग़ीर जिल्द 3 पेज 360
अलमिरक़ात फी शरहिल मिशकात जिल्द 5 पेज 568
(5) मीरज़ा मख़दूम बिन मीर अब्दुल बाक़ी
(6) मुहम्मद बिन इस्माईले यमानी
(7) मुहम्मद सद्र आलिम
(8) शेख़ अब्दुल्लाह शाफ़ेई
(9) शेख़ ज़ियाऊद्दीन मुक़बेली
(10) इब्ने कसीरे दमिश्क़ी
(11) अबी अब्दिल्लाह हाफ़िज़ ज़हबी
(12) इब्ने जज़री
(13) शेख़ हुसामुद्दीन मुत्तक़ी
(14) जमालुद्दीन हुसैनी शीराज़ी
(15) हाफ़िज़ शहाबुद्दीन अबुल फ़ैज़ अहमद बिन मुहम्मद बिन सदीक़ ग़मारी मग़रबी
मौसूफ़ कहते हैं: हदीसे ...... पैग़म्बरे इस्लाम (स) से मुतावातिर तरीक़ों से बयान हुई है और अगर सबकी सनद बयान करें तो बहुत तूलानी फ़ेहरिस्त हो जायेगी, लेकिन बहस कामिल होने की वजह सिर्फ़ नक़्ल करने वालों की तरफ़ इशारा करते हैं और जो शख़्स इन सब को सनदों के बारे में मज़ीद मालूमात हासिल करना चाहे वह हमारी किताब अल मुतावातिर का मुतालआ करे।
नफ़हातुल अज़हार जिल्द 6 पेज 121
नफ़हातुल अज़हार जिल्द 6 पेज 126
नफ़हातुल अज़हार जिल्द 6 पेज 127
अल अल अरबईन
नफ़हातुल अज़हार जिल्द 6 पेज 125
अल बिदायह वन निहायह
तुरुक़े हदीसे मन कुन्ता मौला
असनल मतालिब
अल अरबईन
तशनीफ़िल आज़ान पेज 77