बहरैन में अपातकाल समाप्त होते ही सरकार विरोधी प्रदर्शनों का क्रम तेज़ हो गया। अपातकाल के दौरान भी जो पहली जून को उठा लिया गया, प्रदर्शनों का सिलसिला रुका नहीं था किंतु अपातकाल उठते ही प्रदर्शनों में तेज़ी आ गई। कल रात और आज प्रदर्शनकारियों ने राजधानी मनामा के पर्ल स्क्वायर की ओर बढ़ने का प्रयास किया तो सऊदी तथा बहरैनी सैनिकों ने उन पर फ़ायरिंग की और आंसू गैस के गोले दाग़े। राजधानी के निकट स्थित सनाबिस तथा दराज़ नामक क्षेत्रों से भी प्रदर्शनों के समाचार मिले हैं। दो प्रदर्शनकारियों के शहीद हो जाने की भी सूचना है। बहरैन नरेश ने प्रदर्शनकारियों को वार्ता का झांसा भी दिया किंतु प्रदर्शनों में कमी नहीं आई और प्रदर्शनकर्ताओं का कहना है कि जब तक प्रदर्शनों पर प्रतिबंध लगा हुआ है और विपक्षी राजनेता जेलों में बंद हैं उस समय तक शाही सरकार से बातचीत निरर्थक है। बहरैन के मानवाधिकार केन्द्र के सदस्य अब्बास इमरान ने कहा कि वर्तमान समय में जब आले ख़लीफ़ा सरकार के अपराध पूरी गति और बर्बरता से जारी हैं, सरकार से किसी भी प्रकार की वार्ता करना उसकी सहायता करने के समान होगा।