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सैटेलाइट से ली गई तस्वीरों ने खोली पाकिस्तान स्थित जैशे मोहम्मद के ट्रेनिंग कैम्प पर बमबारी की पोल

सैटेलाइट से ली गई तस्वीरों ने खोली पाकिस्तान स्थित जैशे मोहम्मद के ट्रेनिंग कैम्प पर बमबारी की पोल

भारत द्वारा हवाई हमले में पाकिस्तान स्थित जैशे मोहम्मद के मदरसे को ध्वस्त करने और बड़ी संख्या में चरमपंथियों को मार गिराने के दावे के बाद सैटेलाइट से ली गई तस्वीरों में साफ़ देखा जा सकता है कि मदरसे की इमारत आज भी पहले की हालत में बाक़ी है।

सैन फ़्रांसिस्को स्थित प्लानेट लैब्स इंक द्वारा उपलब्ध कराई गई तस्वीरों में देखा जा सकता है कि 4 मार्च को भारतीय हमले से 6 दिन बाद, मदरसे की 6 इमारतें अपनी पूर्व हालत में खड़ी हैं।

हालांकि हाई रिज़ोलुशन वाली तस्वीरें अभी तक सार्वजनिक रूप से उपलब्ध नहीं हो सकी हैं।

अप्रैल 2018 में ली गई सैटेलाइल तस्वीरों में और 4 मार्च 2019 में ली गई तस्वीरों में किसी भी तरह का कोई बदलाव नहीं देखा गया है। इमारतों की दीवारों या छतों में बमबारी से होने वाला कोई नुक़सान या कोई गिरी हुई दीवार दिखाई नहीं देती है, बल्कि मदरसे के चारो ओर खड़े पेड़ों को हमले से पहले वाली हालत में देखा जा सकता है और वहां बमबारी के किसी तरह के कोई निशान नहीं हैं।

यह तस्वीरें पिछले 8 दिनों के दौरान प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार द्वारा दिए गए बयानों पर पहले से कहीं अधिक संदेह पैदा करती हैं।

मोदी सरकार ने दावा किया था कि 26 फ़रवरी को भारतीय लड़ाकू विमानों ने पाकिस्तान के बालाकोट इलाक़े में स्थित एक मदरसे को ध्वस्त कर दिया था, जहां आतंकवादियों को ट्रेनिंग दी जाती थी।

भारत की सत्तारूढ़ पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह ने कहा था कि इस हमले में 250 से अधिक आतंकवादी मारे गए हैं।

अल-जज़ीरा की रिपोर्ट के मुताबिक़, रॉयटर्ज़ द्वारा भारतीय रक्षा मंत्रालय और विदेश मंत्रालय से तस्वीरों के बारे में स्पष्टिकरण के लिए संपर्क करने पर दोनों मंत्रालयों ने कोई जवाब नहीं दिया।

मिडिलबरी इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंटरनेशनल स्टडीज़ में ईस्ट एशिया नॉनप्रोलिफ़रेशन प्रोजेक्ट के निदेशक जैफ़्री लेविस ने इन तस्वीरों की पुष्टि करते हुए कहा है कि इमारतें आज भी बिना किसी नुक़सान के खड़ी हैं।

उन्होंने कहा, हाई रिज़ोलुशन तस्वीरें भी साबित करती हैं कि इमारतों पर किसी तरह की कोई बमबारी नहीं हुई है।

भारत में मई से पहले आम चुनाव होने हैं, मोदी सरकार पर आरोप है कि वह 14 फ़रवरी को पुलवामा आत्मघाती हमले में मारे जाने वाले 40 से अधिक भारतीय जवानों की मौत का आक्रामक बदला लेने का प्रचार करके चुनावों में राजनीतिक लाभ लेना चाहती है।

मोदी सरकार के मंत्रियों और अधिकारियों ने दावा किया है कि वायु सेना के हमले में सैकड़ों आतंकवादी मारे गए हैं।

हालांकि मोदी सरकार इस हमले में नष्ट होने वाले कैम्प या उसमें मारे जाने वालों का कोई सुबूत पेश नहीं कर सकी है। हालांकि भारतीय विपक्षी पार्टियों सरकार से अपने दावे के लिए सुबूत पेश करने की मांग कर चुकी हैं।

मोदी विपक्षी पार्टियों विशेषकर कांग्रेस पर यह आरोप लगा रहे हैं कि वे हमले का सुबूत मांग कर पाकिस्तान की मदद कर रहे हैं। 

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