इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल उज़्मा सैयद अली ख़ामेनेई के मुबारक हाथों से, आज के युग के मालिके अश्तर जनरल क़ासिम सुलेमानी ने “ज़ुल्फ़ेक़ार” पदक को प्राप्त किया।
प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक़, इस्लामी गणतंत्र ईरान का सर्वोच्च सैन्य सम्मान “ज़ुल्फ़ेक़ार” ईरान के इतिहास में पहली बार आज के युग के मालिके अश्तर कहे जाने वाले ईरान के संरक्षक बल के क़ुद्स ब्रिगेड के प्रमुख जनरल क़ासिम सुलेमानी को मिला है। इस्लामी क्रांति की सफलता के बाद पहली बार इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल उज़्मा सैयद अली ख़ामेनेई के मुबारक हाथों से आईआरजीसी के वरिष्ठ कमांडर जनरल क़ासिम सुलेमानी ने सर्वोच्च सैन्य पदक ज़ुल्फ़ेक़ार प्राप्त किया। इससे पहले ईरान का दूसरा सबसे बड़ा सैन्य सम्मान “फ़त्ह”, तीन बार जनरल क़ासिम सुलेमानी को मिल चुका है।
ईरान के संरक्षक बल के क़ुद्स ब्रिगेड में वरिष्ठ नेता के प्रतिनिधि अली शीराज़ी ने आयतुल्लाहिल उज़्मा सैयद अली ख़ामेनेई की ओर से ज़ुल्फ़ेक़ार पदक जनरल क़ासिम सुलेमानी को दिए जाने पर उन्हें मुबारकबाद पेश किया है। वरिष्ठ नेता के प्रतिनिधि अली शीराज़ी ने कहा कि इस्लामी क्रांति की सफलता के बाद से अगर कोई इस सम्मान का हक़दार था और है तो वह जनरल क़ासिम सुलेमानी ही थे जिन्हें वरिष्ठ नेता ने ज़ुल्फ़ेक़ार देकर आईआरजीसी का सम्मान बढ़ा दिया है।
उल्लेखनीय है कि अभी हाल ही में इस्लामी क्रांति के संरक्षक बल आईआरजीसी की क़ुद्स ब्रिगेड के कमांडर जनरल क़ासिम सुलेमानी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प को संबोधित करते हुए कहा था कि तुम्हारा कोई अतीत नहीं है और चूंकि तुम्हारा दिमाग़ किसी और चीज़ में व्यस्त है इसलिए तुम सवाल भी नहीं करते हो तो कम से कम अमेरिका की गुप्तचर सेवाओं से पूछ लो कि तुम से पहले भी कोई ईरान का कुछ नहीं बिगाड़ सका। जनरल क़ासिम सुलेमानी ने अमेरिकी राष्ट्रपति को चेतावनी देते हुए कहा था कि क्या तुम जानते हो कि युद्ध का अर्थ, यानी तुम्हारी समस्त संभावनाओं की तबाही। इस युद्ध को तुम शायद शुरु करो परंतु उसे ख़त्म हम करेंगे।
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ज्ञात रहे कि जनरल क़ासिम सुलेमानी ने 10 मार्च वर्ष 1957 में ईरान के किरमान राज्य के क़नात नामक गांव में जन्म हुआ था। 1982 में अमेरिका की मदद से उस समय के इराक़ के तानाशाह सद्दाम द्वारा ईरान पर थोपे गए आठ वर्षीय युद्ध के दौरान जनरल क़ासिम सुलेमानी युद्ध के मैदान में आए। उन्होंने आठ वर्षीय युद्ध के दौरान बेहद संवेदनशील सैन्य अभियानों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। हालिया वर्षों में इराक़ और सीरिया से अमेरिका और सऊदी अरब समर्थित तकफ़ीरी आतंकवादी गुटों को खदेड़ने में जनरल क़ासिम की मुख्य भूमिका रही है।