Hindi
Tuesday 3rd of December 2024
0
نفر 0

बहरैन में प्रदर्शनकारियों के दमन के बीच राष्ट्रीय वार्ता।

बहरैन में ऐसे समय में राष्ट्रीय वार्ता आरंभ हुयी है जब आले ख़लीफ़ा शासन प्रदर्शनकारियों के दमन की नीति जारी रखे हुए है। बहरैन में प्रदर्शनकारियों पर आले ख़लीफ़ा शासन के सुरक्षा बलो की फ़ायरिंग में दसियों प्रदर्शनकारी घायल हो गए।

बहरैन में ऐसे समय में राष्ट्रीय वार्ता आरंभ हुयी है जब आले ख़लीफ़ा शासन प्रदर्शनकारियों के दमन की नीति जारी रखे हुए है। बहरैन में प्रदर्शनकारियों पर आले ख़लीफ़ा शासन के सुरक्षा बलो की फ़ायरिंग में दसियों प्रदर्शनकारी घायल हो गए। 3 जुलाई को हज़ारों बहरैनी नागरिकों ने आले ख़लीफ़ा शासन की दिखावटी राष्ट्रीय वार्ता के आयोजन का विरोध करते हुए बहरैन के अनेक नगरों व गावों में शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया किन्तु ये शांतिपूर्ण प्रदर्शन सुरक्षा बलों के हस्तक्षेप के कारण हिंसक हो गए। यह घटना ऐसी स्थिति में हुयी जब आले ख़लीफ़ा शासन ने राष्ट्रीय वार्ता के नाम से बैठक आयोजित कर यह दर्शाने का प्रयास किया है मानो वह बहरैन के वर्तमान संकट के समाधान के लिए प्रयास कर रहे हों। बहरैनी जनता के शांतिपूर्ण प्रदर्शन पर सुरक्षा बलों के हमले की घटना ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया कि इस देश के शासन ने केवल दमन की भाषा सीखी है और विपक्ष के साथ वार्ता के सिद्धांत के बारे में व्यापक प्रचार के बावजूद उसे इस योजना पर विश्वास नहीं है बल्कि वह केवल अवसर की खोज में हैं। बहरैन की राष्ट्रीय वार्ता में भाग लेने वाले इस देश के सबसे बड़े विपक्षी धड़े विफ़ाक़े मिल्ली ने मनामा में शनिवार को आयोजित पहले चरण की वार्ता के पश्चात इस चरण को मात्र औपचारिकता की संज्ञा देते हुए बल दिया कि आले ख़लीफ़ा शासन देश के संकट के समाधान के प्रयास में नहीं है। साक्ष्यों से भी इस बात की पुष्टि होती है। वार्ता के पहले दिन आले ख़लीफ़ा शासन के प्रतिनिधि, इस देश के संसद सभापति तथा राष्ट्रीय वार्ता के अध्यक्ष ने देश में सुधार लाने के उपाय पर चर्चा करने के बजाए केवल प्रदर्शनकारियों की भर्त्सना की। आले ख़लीफ़ा शासन के इस व्यवहार के दृष्टिगत बहरैनी जनता वार्ता को केवल एक हत्कंडा मान रही है जिसका लक्ष्य विश्व जनमत के सामने इस शासन की छवि को बेहतर करना है। इस बीच बहरैन के क्रान्तिकारियों ने कहा है कि जब तक सैन्य न्यायालय में आम नागरिकों पर मुक़द्दमा जारी है उस समय तक आले ख़लीफ़ा शासन का वार्ता के लिए निमंत्रण मूल्यहीन है।

0
0% (نفر 0)
 
نظر شما در مورد این مطلب ؟
 
امتیاز شما به این مطلب ؟
اشتراک گذاری در شبکه های اجتماعی:

latest article

इन्तेज़ार करने वालों की ...
हदीसे किसा
माहे रजब की दुआऐं
हज़रत इमाम सज्जाद अ.स.
हज़रत यूसुफ और जुलैख़ा के इश्क़ ...
नहजुल बलाग़ा में हज़रत अली के ...
हज़रत इमाम हसन असकरी अ.स. का ...
हज़रत इमाम सज्जाद अ.स.
ख़ड़ा डिनर है ग़रीबुद्दयार खाते ...
बदकारी

 
user comment