Hindi
Monday 29th of July 2024
0
نفر 0

इमाम मूसा काजिम की शहादत

अहले बैत पैगम्बर अलैहिमुस्सलाम विशेषताओं में से एक विशेषता यह थी कि यह महान हस्तियां समाज में उत्पन्न होने वाली हर प्रकार की घटनाओं और दुर्घटनाओं की गहराईयों से भी पूरी तरह अवगत रहती थीं

अहले बैत पैगम्बर अलैहिमुस्सलाम विशेषताओं में से एक विशेषता यह थी कि यह महान हस्तियां समाज में उत्पन्न होने वाली हर प्रकार की घटनाओं और दुर्घटनाओं की गहराईयों से भी पूरी तरह अवगत रहती थीं और ये लोग अपनी विशेष नीति और उपाय द्वारा घटनाओं के तारीक और निहित पहलुओं को सामने ले आया करते थे ताकि लोग हक व बातिल में तमीज़ देकर सही रास्ते की ओर बढ़ें. यहीं पर हम पैगम्बरे इस्लाम हज़रत मोहम्मद मुस्तफ़ा (स.) के इस कथन के महत्व को समझ सकते हैं आप फ़रमाते हैं मैं तुम्हारे बीच दो बहुमूल्य चीज़ें छोड़े जा रहा हूँ एक कुरान और दूसरे मेरे अहले बैत, रसूल इस्लाम के पुत्र हज़रत इमाम मूसा काज़म अलैहिस्सलाम लगभग "35 साल इमामत के पद पर पर नियुक्त रहे मगर उसमें से अधिकांश हिस्सा कारावास व बंद में गुज़ारा या फिर जिलावतन रहे यह स्थिति इस बात की गवाही देती है कि आपके जमाने में अहले बैत अलैहिमुस्सलाम के बारे में अब्बासी शासकों की सख्तियाँ और दुश्मनी में कितनी तीव्रता आ गयी थी जिस चीज़ ने रसूल के पुत्र हज़रत इमाम मूसा काज़म अलैहिस्सलाम को अपने दौर के हालात के खिलाफ आवाज़ उठाने पर मजबूर किया वह मुसलमानों पर शासक फ़ासिद राजनीतिक और सामाजिक व्यवस्था थी. अब्बासी शासकों ने सरकार को पारिवारिक और तानाशाही शासन व्यवस्था में बदल दिया था. उनके महल भी शासकों के आनंन उठाने और शानदार ऐश व नोश और शराब और कबाब का केंद्र थे और उस काले धन से भरे हुए थे जो उन्होंने जनता से लूट रखा था. जबकि निर्धन वर्ग गरीबी, भुखमरी और भेदभाव की सखतयाँ झेल रहा था. इस स्थिति में इमाम मूसा काज़म अलैहिस्सलाम लोगों की राजनीतिक और सामाजिक जानकारी में वृद्धि का कारण थे। आपने बनी अब्बास के शासकों की शैली को इस्लामी शिक्षा के विरुद्ध करार देते थे  दूसरी ओर हारूनुर रशीद यह अनुमति नहीं देता था कि लोग इमाम के ज्ञान और दया के महासागर से तृप्त हों वह इस संबंध में लोगों पर सख्तियाँ करता था. लेकिन हारूनुर रशीद की इन सख्तियों के उत्तर में इमाम की प्रतिक्रिया हमारे लिए आदर्श है.

0
0% (نفر 0)
 
نظر شما در مورد این مطلب ؟
 
امتیاز شما به این مطلب ؟
اشتراک گذاری در شبکه های اجتماعی:

latest article

क़सीदा
क़ुरआन तथा पश्चाताप जैसी महान ...
शादी शुदा ज़िन्दगी
अपनी खोई हुई असल चीज़ की जुस्तुजू ...
उत्तरी कोरिया ने दी अमरीका को धमकी
ज़िन्दगी की बहार-
कफ़न चोर की पश्चाताप 3
अहलेबैत (अ) से मुहब्बत मुसलमानों ...
तालिबान और आईएस एक ही सिक्के के दो ...
इंटरनेट का इस्तेमाल जरूरी है मगर ...

 
user comment