ब्रिटेन में ढाई सौ मस्जिदों को दरवाज़े सब के लिए खोल दिये गये। यह क़दम " मेरी मस्जिद देखें " नामक एक कार्यक्रम के अंतर्गत उठाया गया।
यह कार्यक्रम सन 2015 से हर साल आयोजित होता है और इसका उद्देश्य, धर्मों के मध्य संवाद है।
गत रविवार को होने वाले इस कार्यक्रम में ब्रिटेन की 250 मस्जिदों ने भाग लिया और ब्रिटेन में सभी धर्मों के लोगों ने इस कार्यक्रम का स्वागत किया।
इस अवसर पर विभिन्न धर्मों से संबंध रखने वालों ने मस्जिद जाकर , इस्लाम और मुसलमानों के बारे में जानकारी प्राप्त की।
ब्रिटिश मुस्लिम परिषद के महासचिव हारून खान ने बताया कि ब्रिटेन के समाज में घृणा फैलाने और फूट डालने वाले के कुप्रयासों के बावजूद, पूरे ब्रिटेन में मुसलमानों ने यह साबित कर दिया कि वह शांति और समाज की एकता की दिशा में क़दम बढ़ाते रहेंगे।
इस वर्ष ब्रिटेन में ऐसे हालात में " मेरी मस्जिद देखें " कार्यक्रम आयोजित हो रहा है कि जब इस्लामोफोबिया अपने चरम पर है, इस्लाम विरोधी आक्रमणों में वृद्धि हुई है और चरमपंथी, पूरे ब्रिटेन में मस्जिदों और इस्लामी केन्द्रों पर हमले कर रहे हैं।
इस कार्यक्रम के अंतर्गत मस्जिद में जाने वाले ब्रिटिश ईसाई नागरिक , जेरेमी ने कहा कि मैं हर साल इस कार्यक्रम के अंतर्गत मस्जिद जाता हूं और हर बार नयी चीज़ सीखता हूं और हर साल मुझे लोगों की अधिक संख्या नज़र आती है।
उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम, इस्लाम के दुश्मनों और एकता के विरोधियों के लिए यह संदेश है कि ब्रिटेन का समाज, व्यापक और खुला है और विभिन्न धर्मों से संबंध रखने वालों का स्वागत ही नहीं करता बल्कि उनके साथ मेल जोल बढ़ाता है।
इस अवसर पर ब्रिटेन के कई सांसदों और राजनीतिज्ञों ने भी मस्जिद जाकर मुसलमानों के बारे में अपनी जानकारी बढ़ायी। इन लोगों में ब्रिटेन की लेबर पार्टी के नेता नेता जेरेमी कोर्बिन का उल्लेख मुख्य रूप से किया गया है।