जन्नतुल बक़ीअ तारीख़े इस्लाम के जुमला मुहिम आसार में से एक है, जिसे वहाबियों ने 8 शव्वाल 1343 मुताबिक़ मई 1925 को शहीद करके दूसरी कर्बला की दास्तान को लिख कर अपने यज़ीदी किरदार और ...
नाम व उपाधियाँहज़रत इमाम सज्जाद अलैहिस्सलाम का नाम अली व आपकी मुख्य उपाधियां सज्जाद व ज़ैनुल आबेदीन हैं। सज्जाद अर्थात अत्यअधिक सजदे करने वाला। ज़ैनुल आबेदीन अर्थात ...
ईश्वर इंसाफ के दिन (क़यामत) का इंतजार क्यों करता है, आदमी इधर हलाक हुआ उधर उसका हिसाब करे, किसी सरकारी बाबु की तरह एक ही दिन सारे कम निपटने की क्यों सोचता है?
उत्तर: इसमें एक तो ...
रोज़ा क्या है, कैसे रखा जाता है और उसके अहकाम क्या हैं? इन सब बातों को लगभग आप सभी जानते हैं अलबत्ता रोज़ा सिर्फ वह नहीं है जो आमतौर से समझा जाता है ۔۔۔۔۔۔
अबनाः अल्लाह ने ...
इंसान की उम्र बहुत बड़ी ईश्वरीय नेअमत है। इंसान पैदा होने के समय से लेकर मरने तक विभिन्न चरणों को तय करता है और उनमें से हर चरण की अलग अलग विशेषता होती है। इंसान की उम्र में ...
विश्व भर विशेष रूप से मध्यपूर्व और भारतीय उपमहाद्वीप में करोड़ों शिया मुसलमान बाहरवें और अंतिम इमाम हज़रत मोहम्मद मेहदी अलैहिस्साल के जन्मदिन की वर्षगांठ के अवसर पर ...
जिस समय महापुरुषों की बात आती है क़लम कांपने लगता है क्योंकि क़लम कभी इन महापुरुषों के व्यक्तित्व के सभी आयामों का भलिभांति चित्रण नहीं कर सकता। पैग़म्बरे इस्लाम के नाती ...
जैसे ही नवासा ए रसूल (स) हज़रत इमाम हुसैन (अ) के क़याम व शहादत का महीना, मोहर्रम शुरु होता है वैसे ही एक ख़ास सोच के लोग इस याद और तज़करे को कमरंग करने की कोशिशें शुरु कर देते ...
माम हुसैन अलैहिस्सलाम का आंदोलन, एक एसी घटना है जिसमें प्रेरणादायक और प्रभावशाली तत्वों की भरमार है। यह आंदोलन इतना शक्तिशाली है जो हर युग में लोगों को संघर्ष और प्रयास पर ...
इस के पूर्व कथा हूई है, कि मानव जीवन को चलाने के लिए ख़ूबसूरत व उत्तम क़ानून पवित्र इस्लाम-धर्म में उपस्थित है। जो बयान हूआ है. कि इस्लाम एक ऐसा उत्तम व ख़ूबसूरत क़ानून है, जो ...
इस्लाम की निगाह में सब इंसान बराबर हैं और कोई क़ौम या क़बीला तथा कोई रंग व नस्ल एक दूसरे पर वरीयता नहीं रखता और धन दौलत या ग़रीबी, बड़ाई या श्रेष्ठता का आधार नहीं है बल्कि ...
वाक़ेया ए करबला रज़्म व बज़्म, सोज़ व गुदाज़ के तास्सुरात का मजमूआ नही, बल्कि इंसानी कमालात के जितने पहलु हो सकते हैं और नफ़सानी इम्तियाज़ात के जो भी असरार मुमकिन हैं उन सब ...
एक कमज़ोर औरत पानी से भरी मश्क बड़ी मुश्किल से ले जा रही थी। रास्ते में उसे एक आदमी मिला उसनें औरत से पानी की मश्क ली और उसके घर का पता पूछ कर आगे आगे चलने लगा। छोटे छोटे बच्चे ...
नहजुल बलाग़ा वह किताब है जिसमें हज़रत अली अलैहिस्सलाम के कुछ कथनों, पत्रों और भाषणों को एकत्रित किया गया है। इस किताब को पवित्र कुरआन का भाई कहा जाता है। इस किताब में उस ...
हज़रत इमाम हुसैन (अस) ने सन् (61) हिजरी में यज़ीद के विरूद्ध आंदोलन किया। उन्होने अपने आंदोलन के उद्देश्यों को इस तरह बयान किया है किः1. जब हुकूमती यातनाओं से तंग आकर हज़रत इमाम ...
एक जाना पहचाना और बहुत ज़्यादा इस्तेमाल होने वाला लफ़्ज़ (शब्द) है। कुर्आन में यह लफ़्ज़ noun और verb दोनों सूरतों में पचासों जगह पर आया है। यह लफ़्ज़ लगभग उतनी ही बार इस्तेमाल ...
कभी मीसम कभी बूजर ने पढी हे ये नमाज.हर एक हाल मे कंमबर ने पढी हे ये नमाज. तू बहाना ना बना वक़त की मजबूरी कl,नोके नेज़ा पे भी सरवर ने पढी हे ये नमाज. छोड देता हे फ़क़त आरज़ी ...
अल्ला हुम्मा कुन ले-वली'य्येकल हुज्जत' इब्निल हसने सलावातोका अ'लय्हे व अ'ला आ'बा-एही फ़ी हाज़े'हिस सा-अ'ते व फ़ी कुल्ले सा-अ'तिन व'लिय्यावं व हाफ़े'जो व क़ा'एदौं व नासे'रों व ...
पुस्तक का नामः दुआए कुमैल का वर्णन
लेखकः आयतुल्लाह अनसारीयान
इसके पूर्व लेख मे हमने मानव जीवन के चरण मे पहला चरण ख़ाक (धूल) का विस्तार किया था तथा इस लेख मे दूसरे चरण पानी ...