धन्य है वह ईश्वर जिसने हमें असंख्य नेअमतें व अनुकंपायें प्रदान की हैं हमारा मार्गदर्शन किया है अगर हमारे पालनहार ने हमारा मार्गदर्शन न किया होता तो हमें सत्य का रास्ता न ...
इस्लाम को लेकर यह गलतफहमी है और फैलाई जाती है कि इस्लाम में औरत को कमतर समझा जाता है। सच्चाई इसके उलट है। हम इस्लाम का अध्ययन करें तो पता चलता है कि इस्लाम ने महिला को चौदह ...
हज़रत अली अलैहिस्सलाम समस्त मानवीय सदगुणों में पैग़म्बरे इस्लाम सल्लल्लाहो अलैहि व आलेही व सल्लम का आइना थे। हज़रत अली अलैहिस्सलाम एसी महान हस्ती थे जिसके बारे में ...
इमाम मुहम्मद तक़ी अलैहिस्सलाम का जन्म दस रजब सन १९५ हिजरी क़मरी को मदीना नगर में हुआ था। ज्ञान, शालीनता, वाकपटुता तथा अन्य मानवीय गुणों के कारण उनका व्यक्तित्व अन्य लोगों ...
फार्स में सिन्दबाद नाम का एक राजा रहता था। उसके पास प्रशिक्षित बाज़ एक बाज़ था जिसे वह बहुत चाहता था और उसे अपने से अलग नहीं करता था। सिन्दबाद के आदेश से बाज़ की गर्दन में ...
अबनाः रोज़े आशूरा मुहम्मद और आले मुहम्मद (स.अ.) पर मुसीबत का दिन है। आशूर के दिन इमाम हुसैन अ. ने इस्लाम को बचाने के लिए अपना भरा घर और अपने साथियों को ख़ुदा की राह में क़ुर्बान ...
4 शाबान 26 हिजरी को मदीना में हज़रत अमीरूल मोमेनीन और उम्मुल बनीन के नामवर बेटे जनाबे अब्बास अलैहिस्सलाम का शुभजन्म हुआ। आपकी माँ हेज़ाम बिन खालिद की बेटी थीं, उनका परिवार ...
रमज़ान के इस पवित्र महीने में आइए हम क़ुरआन के सूरे हम्द की छठी और सूरए बक़रह की आयत संख्या २८६ के शब्दों में ईश्वर से दुआ करें-हे ईश्वर सीधे मार्ग पर हमारा मार्गदर्शन कर।हे ...
रोज़े के लिए इस्लामी शिक्षाओं में आया है कि अल्लाह ने कहा है कि मेरे दास हर उपासना अपने लिए भी करते हैं किंतु रोज़ा केवल मेरे लिए होता है और मैं ही उस का इनाम दूंगा। वास्तव ...
पैग़म्बरे इस्लाम हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहो अलैहे व आलेही व सल्लम का एक अहेम क़दम, इस्लामी हुकूमत के एडमिनिस्ट्रेटिव सेंटर की शक्ल में मस्जिद बनाना था। अस्ल में इस बात की ...
पुस्तक का नामः कुमैल की प्रार्थना का वर्णन
लेखकः आयतुल्लाह अनसारियान
हमने इस से पूर्व लेख के अंत मे कहा था कि इलैक्ट्रान, परोटान एंव न्यूट्रान मिलकर कण का निर्माण करते ...
वह चीज़े जो रोज़े को बातिल करती हैं:(1581) नीचे लिखीं चन्द चीज़ें रोज़े को बातिल कर देती हैं(1) खानाऔर पीना।(2) जिमाअ (सम्भोग)(3) इस्तिमना- यानी इंसान अपने आप या किसी दूसरे के साथ ...
इमाम हुसैन (अ) के चेहलुम के आते ही इमाम हुसैन (अ) के चाहने वालों और शियों के बीच एक अलग की प्रकार का जोश भर जाता है और उनके दिल हुसैन (अ) की मोहब्बत में और भी तीव्रता से धड़कने ...
क़ुरआने मजीद सूरए नहल की आयत 16 में फ़रमाता है: ’’وَ بِالنَّجمِ ھُم یَھتَدونَ‘‘बुद्धिमान वह हैं जो आसमान के तारों की सहायता से अपने रास्ते ढ़ूढ़ँते हैं और मंज़िल तक पहुँच ...
तौहीद का अक़ीदा सिर्फ़ मुसलमानों के ज़हन व फ़िक्र पर असर अंदाज़ नही होता बल्कि यह अक़ीदा उसके तमाम हालात शरायत और पहलुओं पर असर डालता है। ख़ुदा कौन है? कैसा है? और उसकी ...
इस्लाम और सिक्योलरिज़्म आज की दुनिया के दो महत्वपूर्ण दृष्टिकोण (नज़रियात) हैं और इन्हीं की वजह से आज दुनिया दो गुरूप में विभाजित है।इनमें से एक इस्लामी दृष्टिकोण है और ...
बहुत से ने हदीसे गदीर की सेहत का इक़रार किया है जैसे:1. इब्ने हजरे हैतमीमौसूफ़ कहते हैं: हदीसे ग़दीर सही है और उसमें किसी तरह कोई शक व शुब्हा नही है, एक जमाअत जैसे तिरमिज़ी, ...
हज़रत अली अलैहिस्सलाम समस्त मानवीय सदगुणों में पैग़म्बरे इस्लाम सल्लल्लाहो अलैहि व आलेही व सल्लम का आइना थे। हज़रत अली अलैहिस्सलाम एसी महान हस्ती थे जिसके बारे में ...
तमाम हम्द व सिपास है उस ज़ात के लिए कि जिसने तमाम मख़लूक़ात को इंसान के लिए ख़ल्क़ किया और इंसान को ख़ुद अपने लिए ख़ल्क़ करके उसकी ग़रज़े ख़िलक़त को भी वाज़ेह कर दिया। मैंने ...
नेअमत का शुक्रमुआविया बिन वहब कहते हैं: मैं मदीना में हज़रत इमाम जाफ़र सादिक़ अलैहिस्सलाम के साथ था, आप अपनी सवारी पर सवार थे, अचानक सवारी से उतर गए, हम बाजार जाने का इरादा ...