वाज़ेह रहना चाहिये के जिस तरह क़ुरआन आम किताबों की तरह की किताब नही है। इसी तरह आम दसातीर की तरह का दस्तूर भी नही है। दस्तूर का मौजूदा तसव्वुर क़ुरआन मजीद पर किसी तरह सादिक़ ...
अहलेबैत न्यूज़ एजेंसी अबना: ग़दीर मक्के से 64 किलोमीटर दूरी पर स्थित अलजोहफ़ा घाटी से तीन से चार किलोमीटर दूर एक जगह थी जहां तालाब था। इसके आस पास पेड़ थे। क़ाफ़िले वाले ...
पुस्तक का नामः कुमैल की प्रार्थना का वर्णन
लेखकः आयतुल्ला हुसैन अंसारीयान
यह विचार कर मै तेरी ओर आकर्षित हुआ तथा अपनी आशाओ को लेकर तेरे दरबार मे उपस्थित हो गया कि मुझे ...
2.256: दीन में किसी तरह की जबरदस्ती नहीं क्योंकि हिदायत गुमराही से (अलग) ज़ाहिर हो चुकी तो जिस शख्स ने झूठे खुदाओं बुतों से इंकार किया और खुदा ही पर ईमान लाया तो उसने वो मज़बूत ...
अपने प्रियः अध्ययन कर्ताओं के लिए हज़रत इमाम हसन अस्करी अलैहिस्सलाम के कुछ मार्ग दर्शक कथन प्रस्तुत किये जारहे हैं।1- अल्लाहहज़रत इमाम हसन अस्करी अलैहिस्सलाम ने कहा कि ...
हमारा अक़ीदह है कि पैग़म्बरे इस्लाम (स.) व आइम्मा-ए-मासूमीन अलैहिम अस्सलाम, बुज़ुर्ग उलमा व अल्लाह की राह में शहीद होने वाले अफ़राद की क़ब्रों की ज़ियारत मुसतहब्बाते ...
चौथी शताब्दी हिजरी क़मरी के प्रसिद्ध परिज्ञानी अबू सईद अबुल ख़ैर से पूछा गया कि ईश्वर को कहां ढूंढे? अबू सईद ने उत्तर दियाः एसा कभी हुआ कि कहीं उसे ढूंढा हो और वह वहां न मिला ...
क़यामत के दिन अल्लाह के वलियों की शिफ़ाअत कुछ शर्तों पर डिपेंड है। जिन शर्तों का इसी दुनिया में ह़ासिल करना ज़रूरी है। आयतों और रिवायतों में किसी इंसान या किसी समूह के ...
पुस्तक का नामः कुमैल की प्रार्थना का वर्णन
लेखकः आयतुल्लाह हुसैन अंसारीयान
وَ بِقُوَّتِکَ الَتِی قَھَرتَ بِھا کُلَّ شَیء
“वा बेक़ुव्वतेकल्लती क़हरता बेहा कुल्ला शैएन”
और उस ...
कर्बला में इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम की शहादत के बाद कई आंदोलन हुए जिनमें से एक का नाम क़यामे तव्वाबीन था। यह आंदोलन अचेतना की नींद सोये समाज के जागरुक हो जाने के बाद हुआ। ...
पैग़म्बरे इस्लाम ने एक हदीस में जवानों से सिफ़ारिश की है कि वह अपनी इच्छाओं पर कंट्रोल के लिए शादी करे और अगर यह संभव न हो तो रोज़ा रखें
रमज़ानुल मुबारक-8पैग़म्बरे इस्लाम ...
आज हम लोग रमज़ान के मुबारक महीने मे एक दीनी कर्तव्य समझ कर रोज़े रखते हैं जो सही भी है लेकिन दीनी कर्तव्य और सवाब के अलावा भी रोज़े के बहुत से फ़ायदे हैं जिनमे से कुछ फ़ायदे ...
अबनाः दस रमजानुल मुबारक उम्मुल मोमिनीन हज़रत ख़दीजा सलामुल्लाह अलैहा के निधन का दिन है। उन्होंने दुनिया को जन्नत में औरतों की सरदार हजरत फातिमा (स) जैसी बेटी का उपहार दिया ...
मक्का नगर पर चांदनी बिखरी थी और पूरे नगर पर मौन छाया था किंतु एसा लग रहा था जैसे महान ईश्वरीय दूत हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहो अलैही व आलेही व सल्लम के लिए समय की गति भिन्न थी। ...
मोहर्रम की दसवीं तारीख की इस्लामी कैलेंडर में बहुत अहमियत है। मोहर्रम की दसवीं तारीख से हजरत इमाम हुसैन (रजि.) की पाकीजा शहादत बावस्ता (संबद्ध) है। हजरत इमाम हुसैन यानी ...
पवित्र क़ुरआन, पैग़म्बरे इस्लाम (स) का अमर चमत्कार और कभी समाप्त न होने वाले उच्च ज्ञान तथा तत्वदर्शिता का भण्डार है। यह ईश्वरीय पुस्तक उचित तथा अनुचित विचारों और ...
क़ुरआने मजीद ने तमाम दूसरी इलहामी और पवित्र किताबों जैसे तौरेत और इंजील आदि से ज़्यादा आसमानी वही, वही भेजने वाले और वही लाने वाले के बारे में लिखा है और यहाँ तक कि वही की ...
हमारी दुआओं का एक बड़ा हिस्सा मौत और क़यामत पर समर्पित है, ताकि इंसान अपनी ला-परवाही की नींद से जाग जाए! अगर हम वास्तविकता पर विचार करें, तो हम देखते है की दुन्या उसे धोका देती ...
लेखक: आयतुल्लाह हुसैन अनसारियान
किताब का नाम: शरहे दुआ ए कुमैल
प्रार्थी को इस तत्थ से वाक़िफ़ होना चाहिए कि दयालु परमेश्वर ने उसको प्रार्थना के लिए ...