पुस्तक का नामः दुआए कुमैल का वर्णन
लेखकः आयतुल्लाह अनसारीयान
सामान्य मानव जीवन मे फेफड़ो की कार्यक्षमता 500 मिलियन बार अंजाम पाती है।
श्वसन मशीन मे लाखो ग़ुद्दे होते है ...
पैग़म्बरे इस्लाम हज़रत मुहम्मद मुस्तफ़ा अपने स्वर्गवास से पहले इस्लाम को परिपूर्ण धर्म के रूप में मानवता के सामने पेश कर चुके थे। उन्होंने कहा था कि मुझको नैतिकता को ...
पवित्र रमज़ान का महीना, ईश्वर के बनाए हुए महीनों में सर्वोत्तम है। पवित्र क़ुरआन इसी महीने में उतरा है। धार्मिक कथनों में आया है कि आकाश और स्वर्ग के द्वार इस महीने में खोल ...
दाऊदी बोहरो की आबादी के बारे में सही जानकारी नही है लेकिन फिर भी हिन्दुस्तान में लगभग दो लाख दस हज़ार बोहरे रहते हैं प्राप्त सूचना के अनुसार पूरे विश्व में बोहरो की पांच ...
पुस्तक का नामः कुमैल की प्रार्थना का वर्णन
लेखकः आयतुल्ला हुसैन अंसारीयान
इसीवंश सैय्यदुश्शोहदा इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम ने शत्रुओ से युद्ध मे (हय्हात ...
इस्लामी रिवायतों की बिना पर क़ुरआने मजीद की बे शुमार आयतें अहले बैत अलैहिम अस्सलाम के फ़ज़ाइल व मनाक़िब के गिर्द घूम रही हैं और इन्हीं मासूम हस्तियों के किरदार के ...
पुस्तक का नामः कुमैल की प्रार्थना का वर्णन
लेखकः आयतुल्लाह अनसारियान
ईश्वर की फैली हुई दया एवं कृपा की छाया मे जीवन व्यतीत करने वाले प्राणियो की लम्बाई, चौड़ाई तथा उनके ...
एक जाना पहचाना और बहुत ज़्यादा इस्तेमाल होने वाला लफ़्ज़ (शब्द) है। कुर्आन में यह लफ़्ज़ noun और verb दोनों सूरतों में पचासों जगह पर आया है। यह लफ़्ज़ लगभग उतनी ही बार इस्तेमाल ...
ईश्वर की प्रसन्नता के लिये रोज़ा रखने वालों पर हमारा सलाम हो। हमें आशा है कि हमारे श्रोता इस शुभ महीने में आत्म निर्माण एवं आध्यात्मिक गुणों की प्राप्ति में पहले से अधिक ...
रोज़े के बहुत अधिक शारीरिक और आध्यात्मिक लाभ हैं। इस्लाम के महापुरूषों ने रोज़े को शरीर को स्वास्थ्य प्रदान करने वाला, आत्मा को सुदृढ़ करने वाला, पाश्विक प्रवृत्ति को ...
तक़लीद अगरचे बाज़ मका़मात पर सही और क़ाबिले तारीफ़ है जैसे शरई मसायल में जाहिल का किसी आलिम की तक़लीद करना, लेकिन यही तक़लीद बाज़ दूसरे मवाक़े पर सही नही है जिसकी शरीयत और ...
जीवन में परिश्रम के क्षेत्र में संतुलन का अर्थ, आलस्य से दूरी और इसी प्रकार सीमा से अधिक परिश्रम करना है। क्योंकि इन दोनों दशाओं क शरीर और मन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। ...
आज जब कि इमाम हुसैन (अ) की ज़ियारत की हर तरफ़ धूम है जिसको देखो वहीं आपकी ज़ियारत के लिये दुनिया के कोने कोने से चला जा रहा है तो इस समय कुछ इस्लाम के दुश्मन और हुसैनियत से दूर ...
रोज़े के लिए इस्लामी शिक्षाओं में आया है कि अल्लाह ने कहा है कि मेरे दास हर उपासना अपने लिए भी करते हैं किंतु रोज़ा केवल मेरे लिए होता है और मैं ही उस का इनाम दूंगा।
वास्तव ...
मोमिन पहले सलाम करता है जबकि मुनाफ़िक़ कहता हैः मुझे सलाम किया जाएः पैग़म्बरे इस्लाम
लोगों में इज़्ज़त व शोहरत पाने का तरीक़ा
जो लोगों के बीच इज़्ज़त व शोहरत चाहता है उसे ...
हम पर अधिरोपित युद्ध के आरम्भ मे ही अपने कर्तव्यो का पालन करने हेतु उस पवित्रता एव आत्मिकता से परिपूर्ण
युद्ध स्थल पर जाने का अवसर प्राप्त हुआ तथा उन उज्जवल मुखो आकाश वासी ...
इस सवाल का जवाब पिछले बाबों से मालूम हो जाता है क्योकि एत तरफ़ तो क़ुरआने मजीद ऐसी किताब, जो उमूमी और हमेशगी है और तमामों इँसानों को ख़िताब करते हुए अपने मक़ासिद की तरफ़ ...
आले मौहम्मद अलैहेमुस्सलाम जो उरूजे फिक्र मे खास मक़ाम रखते है और इमाम हसन असकरी अलैहिस्सलाम उन्ही हज़रात मे की एक कड़ी है। शिया सुन्नी दोनो के उलामा ने लिखा है कि एक दिन ...
बिस्मिल्ला हिर्रहमा निर्रहीम
वह मक़ामात जो हजरत इमाम महदी अलैहिस्सलाम की तवज्जोह का मरकज़ रहे हैं उनमें से एक मस्जिदे जमकरान भी है। यह मस्जिद चूँकि जमकरान नामक गाँव के ...
हमने बताया था कि सूरए क़सस, पैग़म्बरे इस्लाम के मक्का पलायन करने से पहले उतरा था। इस सूरए में वर्णित कथाओं के दौरान एकेश्वरवाद, प्रलय, पवित्र क़ुरआन के महत्त्व, प्रलय में ...