मजलिसे उल्माए हिन्द में आयोजित संगोष्ठी में उल्मा ने जवानों को खिताब किया और कहा कि शिया व सुन्नी मतभेद साम्राज्यवाद की योजना है। लखनऊ 26 मईः मजलिसे उल्माए हिन्द द्वारा ...
१. मेरा वुजूद (अस्तित्व) ग़ैबत में भी लोगों के लिए ऐसा ही मुफ़ीद (लाभकारी) है जैसे आफ़ताब (सूर्य) बादलों के ओट (पीछे) से।२. मैं ही महदी हूँ मैं ही क़ायमे ज़माना हूँ।३. मैं ज़मीन ...
मासूम इमामों की हदीसों और रिवायतों में ज़हूर का इन्तेज़ार करने वालों की बहुत सी ज़िम्मेदारियों का वर्णन हुआ हैं। हम यहाँ पर उन में से कुछ महत्वपूर्ण निम्न लिखित ...
आपकी ग़ैबत की दो हैसियतें थीं। एक सुग़रा और दूसरी कुबरा। ग़ैबते सुग़रा की मुद्दत 69 साल थी। उसके बाद ग़ैबते कुबरा शुरू हो गई। ग़ैबते सुग़रा केज़माने में आपका एक नायबे ख़ास ...
सवालः इमाम ज़माना अलैहिस्सलाम की हुकूमत की शैली क्या होगी?जवाब: जैसा कि हम सभी जानते हैं कि हज़रत इमाम महदी अलैहिस्सलाम पूरी दुनिया में इस्लाम का झंडा ऊंचा करने और कुरान ...
हज़रत इमाम अली (अ) फ़रमाते हैःاَفْضَلُ عِبٰادَةِ الْمُوْمِنِ اِنْتِظٰارُ فَرَجِ اللّٰہमोमिन की सबसे बड़ी इबादत यह है कि वह अल्लाह की तरफ़ से (दुख और कठिनाईयों) से नजात के इन्तेज़ार में ...
इस्लामी रिवायतों की बिना पर क़ुरआने मजीद की बे शुमार आयतें अहले बैत अलैहिम अस्सलाम के फ़ज़ाइल व मनाक़िब के गिर्द घूम रही हैं और इन्हीं मासूम हस्तियों के किरदार के ...
इंसानी समाज, सैंकड़ों साल से अल्लाह की हुज्जत के ज़हूर के फ़ायदों से वंचित है और इस्लामी समाज उस आसमानी व मासूम इमाम के पास जाने में असमर्थ है। इस स्थिति से यह सवाल यह उठता ...
एक बार फिर १५ शाबान की शुभ बेला आ पहुंची है और मुक्ति दाता की प्रतीक्षा ने दिलों को व्याकुल कर दिया है। आज के दिन उस महान व्यक्ति का जन्म हुआ है जो ईश्वरीय दूतों के पावन ...
अल्लामा अरबी लिखते हैं कि ज़मानए नियाबत में बाद हुसैन बिन रौह अबुल क़ासिम, क़ौलाया हज के इरादे से बग़दाद गये और वह मक्के मोअज़्जमा पहुँच कर हज करने का फ़ैसला किये हुए थे। ...
जिस वक़्त ज़ुहूर की बातें होती हैं तो इंसान के दिल में एक बहुत सुन्दर एहसास पैदा होता है जैसे वह नहर के किनारे किसी हरे भरे बाग में बैठा हुआ है और मधुर स्वर बुलबुलों की आवाज़ ...
इन्तेज़ार के विभिन्न अर्थ व मअनी वर्णन किये गए हैं, लेकिन इस शब्द पर गौर व फिक्र के ज़रिये इसके अर्थ की वास्तविक्ता तक पहुँचा जा सकता है। इन्तेज़ार का अर्त किसी के लिए आँखे ...
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीमक़ुरआन और इल्म क़ुरआन और इल्म के रिश्ते को समझने के लिए इतना काफ़ी है कि क़ुरआन आलमें इंसानियत की रहबरी के लिए आया है और आलमे इंसानियत का कमाल ...
हज़रत इमाम महदी अलैहिस्सलाम का नामे नामी तमाम आसमानी किताबों तौरैत, ज़बूर, इन्जील में मौजूद है। क़ुरआने करीम की कई आयात में आपके बारे में तफ़्सीर व तावील की गई है। ...