Hindi
Saturday 27th of April 2024
Articles
ارسال پرسش جدید

अमर आंदोलन-११

अमर आंदोलन-११
आज दस मुहर्रम है।  न्याय और मानवता के सूखते चमन को हुसैन आज सवेरे से ही सींच रहे हैं।  सुबह की नमाज़ के समय से ही यज़ीदी सेना तीर बरसा रही थी।  हुसैन के कई साथी तो ...

पूरी दुनिया में हर्षोल्लास के साथ मनाई गई ईदे ग़दीर।

पूरी दुनिया में हर्षोल्लास के साथ मनाई गई ईदे ग़दीर।
अहलेबैत (अ )न्यूज़ एजेंसी अबना : इस्लामी राष्ट्र ईरान समेत समस्त विश्व में ईदे ग़दीर का जश्न पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। 18 जिल्हिज्जा 10 हिजरी को रसूले अकरम ...

इमाम हुसैन अ. की अज़ादारी

इमाम हुसैन अ. की अज़ादारी
 क्या इमाम हुसैन (अ) की अज़ादारी और मुहर्रम की पाक यादगारें मुसलमानों में मतभेद और लड़ाई झगड़े का मुद्दा बन सकती हैं? वह कौन सा मुसलमान है हुसैन (अ) जिसके ईमान का हिस्सा नहीं ...

जनाबे ज़हरा(अ) का शिक्षण कार्य

जनाबे ज़हरा(अ) का शिक्षण कार्य
हज़रत फ़तिमा स्त्रीयों को क़ुरआन व धार्मिक निर्देशों की शिक्षा देती व उनको उनके कर्तव्यों के प्रति सजग करती रहती थीं। आप की मुख्यः शिष्या का नाम फ़िज़्ज़ा था जो गृह ...

अहले हदीस

अहले हदीस
अहले हदीस का तरीक़ा अस्ल में एक फ़िक्ही और इज्तिहादी तरीक़ा था। दूसरे शब्दों में कहा जाए तो अहले सुन्नत के फक़ीह अपने तौर तरीक़े की वजह से दो गुरूप में बटे हैं। एक गुरुप वह ...

अमर आंदोलन-७

अमर आंदोलन-७
छह मुहर्रम को हमने कर्बला के जिस शहीद की याद मनाने के लिए विशेष किया है वह क़ासिम इब्ने हसन हैं।  कर्बला में इमाम हसन अलैहिस्सलाम के कई बेटे शहीद हुए हैं।  हज़रत क़ासिम ...

झूठ क्यों नहीं बोलना चाहिए

झूठ क्यों नहीं बोलना चाहिए
आम तौर पर झूठ किसी एक रूहानी कमज़ोरी की वजह से पैदा होता है यानी कभी ऐसा भी होता है कि इंसान ग़ुरबत और लाचारी से घबरा कर, दूसरे लोगों के उसको अकेले छोड़ देने की बुनियाद पर या ...

सब से बड़ा मोजिज़ा

सब से बड़ा मोजिज़ा
हमारा अक़ीदा है कि क़ुरआने करीम पैग़म्बरे इस्लाम (स.) का सब से बड़ा मोजज़ा है और यह फ़क़त फ़साहत व बलाग़त, शीरीन बयान और मअनी के रसा होने के एतबार से ही नही बल्कि और ...

क़ुरआने मजीद में मोहकम व मुतशाबेह मौजूद है

क़ुरआने मजीद में मोहकम व मुतशाबेह मौजूद है
ख़ुदा वंदे तआला अपने कलामे मजीद में फ़रमाता है:क़ुरआन ऐसी किताब है जिसकी आयात बहुत मोहकम (पुख़्ता, सिक़ह) हैं।(सूरह हूद आयत 1)और फिर फ़रमाता है:अल्लाह तआला ने बेहतरीन बात ...

आलमे बरज़ख़

आलमे बरज़ख़
हमारा अक़ीदह है कि इस दुनिया और आख़ेरत के बीच एक और जहान है जिसे “बरज़ख़” कहते हैं।मरने के बाद हर इँसान की रूह क़ियामत तक इसी आलमे बरज़ख़ में रहती है।“व मिन वराइहिम ...

इस्लाम और सेक्योलरिज़्म एक तुलनात्मक जाएज़ा

इस्लाम और सेक्योलरिज़्म एक तुलनात्मक जाएज़ा
इस्लाम और सिक्योलरिज़्म आज की दुनिया के दो महत्वपूर्ण दृष्टिकोण (नज़रियात) हैं और इन्हीं की वजह से आज दुनिया दो गुरूप में विभाजित है।इनमें से एक इस्लामी दृष्टिकोण है और ...

माहे रजब की दुआऐं

माहे रजब की दुआऐं
माहे रजब की दुआऐंरजब के पहले दिन और रात की मख्सूस दुआ1) हज़ूरे अकरम (स:अ:व:व) की सीरत थी की जब रजब का चाँद देखते थे तो यह दुआ पढ़ते थे:اَللّٰھُمَّ بَارِکْ لَنٰا فِی رَجَبٍ وَ شَعْبانَ وَ بَلَّغْنَا ...

मौत के बाद बर्ज़ख़ की धरती

मौत के बाद बर्ज़ख़ की धरती
बर्ज़ख़ की धरती के बारे में पवित्र क़ुरआन मजीद में ईर्साद हैः कि जिस दिन समस्त प्रकार लोगों को उठाया जायेगा। (23) मरने के बाद बर्ज़ख़, क़ब्र की धरती है उस क़ब्र में प्रत्येक ...

मैराजे पैग़म्बर

मैराजे पैग़म्बर
किताबे मुन्तहल आमाल मे बयान किया गया है कि आयाते क़ुराने करीम और अहादीसे मुतावातिरा से साबित होता है कि परवरदिगारे आलम ने रसुले अकरम स.अ.व.व. को मक्का ए मोअज़्ज़मा से ...

यज़ीद के दरबार में इमाम सज्जाद का ख़ुत्बा

यज़ीद के दरबार में इमाम सज्जाद का ख़ुत्बा
  सैय्यद ताजदार हुसैन ज़ैदी   इमाम हुसैन (अ) की शहादत के बाद जब यह लुटा हुआ क़ाफ़ेला एक शहर से दूसरे शहर दर ब दर भटकता हुआ कूफ़े से होता हुआ शाम (सीरिया) पहुँचा और शाम के बाज़ार ...

सोशल नेटवर्क पर नामहरमों से चैट के बारे में आयतुल्लाह सीस्तानी का फ़तवा

सोशल नेटवर्क पर नामहरमों से चैट के बारे में आयतुल्लाह सीस्तानी का फ़तवा
हम यहा पर मोमिनों की तरफ़ से किये गए प्रश्नों और आयतुल्लाह सीस्तानी के उत्तर को बयान कर रहें हैं प्रश्न टेक्नालोजी की तरक़्क़ी और इन्टरनेट एवं सोशल नेटवर्क के कारण ...

वाबेइज़्ज़तेकल्लति लायक़ूमो लहा शैइन 1

वाबेइज़्ज़तेकल्लति लायक़ूमो लहा शैइन 1
पुस्तक का नामः कुमैल की प्रार्थना का वर्णन लेखकः आयतुल्ला हुसैन अंसारीयान   وَبِعِزَّتِكَ الَّتِى لاَيَقُومُ لَهَا شَىْءٌ  वाबेइज़्ज़तेकल्लति लायक़ूमो लहा शैइन और उस इज़्ज़त व ...

दुआए तवस्सुल

दुआए तवस्सुल
हिमायत / शिफ़ा'अत मांगनाशेख़ अबू जाफर  तुसी अपनी किताब मिस्बाह में फरमाते हैं  की इमाम हसन-बिन-अल-अस्करी (अ:स) ने यह दुआ अबू मुहम्मद के आग्रह पर उस समय लिखी जब उन्हों ने ...

बहाइयत और अशलीलता

बहाइयत और अशलीलता
वह सम्प्रदाय जिनका कोई ईश्वरीय अस्तित्व नहीं है, वह लोगों को आपनी तरफ़ खींचने, और अपने अनुयायियों की संख्या बढ़ाने के लिए के हर प्रकार के लोगों के लिए कुछ नया और आकर्शित ...

जन्नत

जन्नत
 जन्नत एक नेमत है इंसान बड़ी ज़हमतों के बाद उसका मालिक बनता है। सिर्फ़ किसी ख़ास कौम व क़बीले या ख़ास मज़हब से जुड़ने की बुनियाद पर जन्नत हासिल नहीं होती है। अल्लामा ...