अंतर्राष्ट्रीय समूह: सऊदी अरब के वहाबियों ने धार्मिक विरोधी और घृणा पूर्वक कार्वाई में काबे के रुक्ने यमानी इमाम अली (अ.स)के जन्म स्थान)को धातु दीवार से कवर करके छुपा दिया.
अंतरराष्ट्रीय कुरान समाचार एजेंसी(IQNA) ब्रासा समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, आले-सऊद के वहाबी अधिकारियों ने काबे के रुक्ने यमानी को छुपाने का आदेश तारीख़ 23/3/2013को जारी किया है कि जिसके सबब भगवान के घर के इस भाग को जस्ती लोहे के धातु दीवार के साथ कवर करके छिपा दिया गया
यह आदेश सत्तारूढ़ सऊदी वहाबी फतवा समिति के दिशा निर्देश को लागू करने के क्रम में जारी किया गया जब कि रुक्ने यमनी काबे की दीवार के बंटवारे में अमिरुल मोमनीन इमाम अली (अ.स.)के महत्वपूर्ण जन्म और इस ऐतिहासिक घटना का स्थान है और शियों के लिऐ विशेष रूप से पवित्रता र शामिल है.
वहाबी एजेंटों ने पहले से इस तरह की कोशिश की थी कि विभिन्न साधनों कीलों, शिकंजा और सीमेंट के ज़रये इस महान चमत्कार को छिपा दें और उसे कम से कम दिखाऐं, लेकिन इस बार पूरी तरह से कवर करने की कोशिश की है.
काबे के चार कोंण मुख्य चार स्तंभों के रूप में जाना जाता है और इन चारों में, रुक्ने यमनी और रुक्ने असवद स्तंभों की महत्वता दूसरों की तुलना में अधिक है. शिया और सुन्नी हदीसों में इस रुक्न के गुण और महत्व के बारे बहुत कुछ आया है.
इमाम सादिक (अ.स) से कथन में उल्लेख किया गया है "कि रुक्ने समनी जन्नत के दरवाज़ों में से ऐक दरवाज़ा है और जब से खुला है बंद नही हुआ" और कुछ हदीसों में रुक्ने यमनी प्रार्थना के क़ुबूल होने की जगह है.
हजरत अली (अ.स) का 13 रज्जब शुक्रवार को 599 ईसा पूर्व (पैगंबर मुहम्मद (PBUH)की बेषत से 10 वर्ष पहले), मक्का में और हदीसों के आधार पर मस्जिदुल हराम और काबे अंदर जन्म हुआ था. अल्लामह अमीनी ने अपनी किताब अलग़दीर में बड़ी तफ़्सील से आप के जन्म के हालात और वाक़ेआत को बयान किया है रुचि रखने वाले लोग वहां देख सकते हैं.
source : iqna.ir