भारत के “मजलिस उलमाये हिन्द” के सचिव और एक शीया नेता ने विश्व कुद्स दिवस को जायोनी शासन के अतिग्रहण के मुकाबले में मुसलमानों की एकजुटता का प्रतीक बताया है। मौलाना सैयद जलाल हैदर नक़वी ने दिल्ली में हमारे संवाददाता से वार्ता में कहा कि रमज़ान महीने के अंतिम शुक्रवार का नाम ईरान की इस्लामी क्रांति के संस्थापक की ओर से कुद्स दिवस रखा गया है और इसका एक उद्देश्य जायोनी शासन द्वारा बैतुल मुक़द्दस के गैर क़ानूनी क़ब्जे के प्रति मुसलमानों की आपत्ति को दर्शाना और फिलिस्तीनियों के क़ानूनी अधिकार का समर्थन करना है। उन्होंने कहा कि बैतुल मुक़द्दस की स्वतंत्रता के लिए प्रयास, विश्व के समस्त मुसलमानों का धार्मिक दायित्व है क्योंकि वह पूरे विश्व के मुसलमानों के लिए बहुत महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है। मौलाना सैयद जलाल हैदर नक़वी ने कहा कि इस वर्ष विश्व कुद्स दिवस के अवसर पर हम जायोनी शासन पर दबाव डालना चाहते हैं ताकि वह अंतर्रराष्ट्रीय क़ानूनों का पालन करते हुए इस स्थान से पीछे हट जाये। साथ ही उन्होंने कहा कि जायोनी शासन सोची- समझी नीति के अंतर्गत फिलिस्तीनियों के घरों और वहां के धार्मिक स्थलों को बर्बाद कर रहा है तथा विश्व समुदाय को फिलिस्तीन में होने वाले अत्याचारों पर मूक दर्शक नहीं बनना चाहिये।
source : hindi.irib.ir