अबनाः इस्लामी इंक़ेलाब के सुप्रीम लीडर हज़रत आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनई ने आज सुबह (गुरुवार) ख़ुबरेगान कॉउंसिल के अध्यक्ष और सदस्यों के साथ बैठक में इस्लामी कानूनों को पूरी तरह लागू किये जाने को अल्लाह की इच्छा और इस्लामी रिपब्लिक सिस्टम का असली लक्ष्य बताया और अन्य देशों और क़ौमों को इस्लाम से डराने और भयभीत करने के संबंध में साम्राज्यवादी ताकतों की साजिशों के मुक़ाबले में वास्तविक और शुद्ध इस्लाम के प्रचार की जरूरत पर बल देते हुए कहा:
मौजूदा चुनौतियों को हल करने और उनके कारणों की समीक्षा के बारे में स्तरीय निगाह से बचना चाहिए और समस्याओं और कठिनाइयों के असली कारण के मद्देनजर उनका तार्किक और उचित समाधान खोजना चाहिए।
इस्लामी इंक़ेलाब के सुप्रीम लीडर ने आयतुल्लाह यज़दी की सेवाओं, पिछले रिकॉर्ड और व्यक्तित्व की ओर इशारा किया और ख़ुबरेगान कॉउंसिल के प्रमुख के रूप में उनके चयन को उचित बताते हुए कहा कि ख़ुबरेगान कॉउंसिल के चुनाव बहुत ही गंभीर माहौल और बिना किसी हाशिये के आयोजित हुए और यह चुनाव अन्य संस्थाओं के लिए भी अच्छा उदाहरण बन सकता है।
इस्लामी इंक़ेलाब के सुप्रीम लीडर ने कुरआन की विभिन्न आयतों की रौशनी में दीन के सभी आदेशों और सतम्भों पर ध्यान देने को इस्लाम की मांग बताते हुए कहा कि इस्लामी स्रोतों में न्यूनतम दीन के नाम की कोई चीज नहीं है दीन के सभी आदेशों और संपूर्ण दीन को लागू करना हमारा लक्ष्य होना चाहिए और इस सम्बंध में आगे की दिशा की ओर हरकत, खोज और कोशिश करनी चाहिए।
इस्लामी इंक़ेलाब के सुप्रीम लीडर ने इस्लाम के सभी पहलुओं की रक्षा और उन्हें और मज़बूत बनाने पर बल देते हुए कहा कि इस्लाम की सीरत की सुरक्षा यानी देश की प्रगति, जनता और अधिकारियों के सभी कामों का उद्देश्य इस्लाम होना चाहिए और कमाल तक पहुंचने की योजना बननी चाहिए और इसी रास्ते पर सबको हरकत करनी चाहिए।
इस्लामी इंक़ेलाब के सुप्रीम लीडर ने अंतर-राष्ट्रीय मुंह जोर शक्तियों को इस्लाम के पूर्ण रूप से लागू होने और उस दिशा में हरकत में असली बाधा बताते हुए कहा कि जायोनियों के राजनीतिज्ञ और मीडिया इस्लाम से डराने और भयभीत करने के लिए प्रचार और प्रसार कर रहे हैं जो इस बात का सूचक है कि उनके अवैध हित खतरे में पड़ गए हैं।
इस्लामी इंक़ेलाब के सुप्रीम लीडर ने इस्लामी रिपब्लिक सिस्टम न बदलने बल्कि इस्लामी रिपब्लिक की शैली बदलने के संबंध में दुश्मन की कुछ बातों की ओर इशारा करते हुए कहा कि सिस्टम की शैली बदलने का मतलब है कि ईरानी राष्ट्र इस्लाम के सही तरीके से लागू करने की अपनी हरकत से पीछे हट जाए।
source : abna