मिस्र में एक अदालत ने मुस्लिम ब्रदरहुड के 22 सदस्यों को करदासा शहर में एक पुलिस चौकी पर हमले के कारण मौत की सज़ा सुनायी है।
क़ाहेरा से रोयटर्ज़ के अनुसार मिस्र के एक न्यायिक अधिकारी ने बताया कि इस मामले में एक और आरोपी को, जो नौजवान है, दस साल जेल की सज़ा सुनायी गयी है। बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि इस फ़ैसले को चुनौती दी जाएगी। मिस्र के पूर्व राष्ट्रपति मुहम्मद मुरसी को सत्ता से हटाए जाने के कारण हुयी हिंसा में करदासा शहर की इस पुलिस चौकी पर हमला हुआ था।
मिस्र में मुहम्मद मुरसी को जून 2013 में उनकी प्रशासनिक शैली के ख़िलाफ़ व्यापक प्रदर्शन के बाद हटा दिया गया था। मिस्री अधिकारियों ने उसके बाद से अब तक मुस्लिम ब्रदर्हुड या इख़्वानुल मुस्लेमीन के हज़ारों सदस्यों को जेल में डाल दिया और सैकड़ों लोगों को मौत की सज़ा सुनायी गयी। मिस्र में सरकार और इख़्वानुल मुस्लेमीन के बीच गहरे मतभेद हैं। क़ाहेरा, इख़्वानुल मुस्लेमीन को ग़ैर क़ानूनी गुट और मिस्र की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए ख़तरा मानता है किन्तु इख़्वानुल मुस्लेमीन का कहना है कि वह हिंसा का सहारा नहीं लेगा।
कुछ दिन पहले मिस्री सरकार ने इख़्वानुल मुस्लेमीन को आतंकवादी संगठन घोषित किया है। (MAQ/N)
source : abna