ट्यूनीशिया के एक प्रमुख सुन्नी स्कॉलर ने कहा है कि ईरान के इस्लामी इंक़ेलाब ने एक कामयाब ट्यूनीशिया इंक़ेलाब की आधारशिला रख दी।
रिपोर्ट के अनुसार एक ईरानी समाचार एजेंसी के साथ इंटरव्यू में ट्यूनीशिया के ज़ैतूना विश्वविद्यालय के सुन्नी स्कालर वे कहा ने कहा कि ट्यूनीशिया का इंक़ेलाब, अरब का एकमात्र कामयाब इंक़ेलाब है और देश में हालिया राष्ट्रपति चुनाव लोकतंत्र की कोशिशों का सूचक है।
उन्होंने कहा कि ट्यूनीशिया इंक़ेलाब इसलिए कामयाब रहा क्योंकि यह इंक़ेलाब इमाम खुमैनी (रह) के नेतृत्व में अंजाम पाने वाले ईरान के इस्लामी इंक़ेलाब से प्रभावित था। शेख क़हा ने कहा कि इस्लामी दुनिया को मौजूदा दौर में एकता की सख्त जरूरत है और इस्लामी देशों को एकता को बढ़ावा देने के लिए हर संभव कोशिश करनी चाहिए ताकि आर्थिक और वैज्ञानिक क्षेत्रों में तरक़्क़ी की ओर क़दम बढ़ा सकें।
कुछ इस्लामी देशों में पश्चिमी वर्चस्व पर अफसोस जताते हुए उन्होंने कहा कि तकफ़ीरी आतंकवाद इस्लामी की छवि को विकृत कर रहा है और इसमें पश्चिमी खुफिया एजेंसियों का मुख्य रोल है। उन्होंने कहा कि कुछ अरब देश इस्लामी इंक़ेलाबियों को इसलिए ख़त्म करने का षड़यंत्र रच रहे हैं क्योंकि उन्हें डर है कि कहीं जनता उनके खिलाफ़ भी न उठ खड़ी हो।
फिलिस्तीनी एवं लेबनानी प्रतिरोध आंदोलनों की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि प्रतिरोध का हर स्तर और हर हाल में समर्थन करना चाहिए और यद्यपि इस्राईल के खिलाफ बहुत से देश लड़ने से डरते हैं लेकिन प्रतिरोध गुटों ने इस्राईल को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया है।
उन्होंने कहा कि प्रतिरोध आंदोलन हमेशा इस्राईली योजनाओं को विफल करने में कामयाब रहे हैं।
source : abna