नेपाल में आने वाले विनाशाकारी भूकंप के बाद कहा जा रहा है कि भारत के उत्तराखंण्ड में भी एसा ही भूकंप आ सकता है। भूकंप की चेतावनी देने वाले भूवैज्ञानिकों ने उत्तराखंड में भी ऐसे ही भूकंप की आशंका व्यक्त की है।
जवाहर लाल नेहरू सेंटर फॉर एडवांस्ड साइंटिफिक रिसर्च, बेंगलूरु से संबद्ध शोध लेखक सी.पी. राजेंद्रन ने बताया कि भूदृश्य और भूक्षरण की दर से पता चलता है कि उत्तराखंड में ज़मीनी परत के विच्छेदन के कारण बड़ी भूकंपीय गतिविधि की संभावना बन रही है। लीथोस्फियर जर्नल में प्रकाशित लेख के अनुसार वैज्ञानिकों ने इससे पहले मार्च में अपने एक अध्ययन में बताया था कि लगभग 700 किलोमीटर लंबी केंद्रीय भूंकपीय खाई हिमालय के अगले हिस्से का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो पिछले 200-500 सालों के दौरान आए बड़े भूकंपों में भी विच्छेदित नहीं हुआ है। इन बातों के दृष्टिगत इस लंबी भूकंपीय निष्क्रियता के कारण एक लाख से अधिक आबादी वाले इस क्षेत्र में बड़ा भूकंप आने का खतरा अभी भी बना हुआ है। यह शोध लीथोस्फियर जर्नल में प्रकाशित हुआ है।
उल्लेखनीय है कि लगभग एक सप्ताह पूर्व नेपाल में एक भीषण भूकंप आया था जिसमें 7000 से अधिक लोग मारे गए हैं जबकि अधिकारियों का कहना है कि मृतकों की संख्या दस से पंद्रह हज़ार तक हो सकती है।
source : abna