भारत ने ज़ायोनी शासन के संबंध में अपनी नीति में बदलाव करते हुए जेनेवा में उसके विरुद्ध संयुक्त राष्ट्र संघ की मानवाधिकार परिषद के एक प्रस्ताव पर हुए मतदान में भाग नहीं लिया।
प्रस्ताव में परिषद की एक रिपोर्ट का स्वागत किया गया था जिसमें पिछले साल ग़ज़्ज़ा में हुए संघर्ष के दौरान इस्राईल के विरुद्ध युद्ध अपराध के साक्ष मिलने की बात कही गई है। प्रस्ताव में कुछ ज़ायोनी अधिकारियों के विरुद्ध कार्यवाही की भी बात कही गई है। 41 देशों ने इस प्रस्ताव के समर्थन में मतदान किया जबकि अमेरिका ने इसका विरोध किया। भारत के अतिरिक्त चार अन्य देशों ने मतदान में भाग नहीं लिया।
इस बीच भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस बात से इन्कार किया है कि फ़िलिस्तीन के संबंध में भारत नीति में कोई परिवर्तन आया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा कि फ़िलिस्तीन के बारे में भारत की लंबे समय से चली आ रही नीति में कोई बदलाव नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि जहां तक प्रस्ताव का सवाल है तो इसमें अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायालय का में मुक़द्दमा चलाने की बात है और भारत उस समझौते में शामिल नहीं था, जिसके अंतर्गत इस न्यायालय का गठन किया गया था।
source : abna