जुमे की नमाज़ के लिए इस्राईल ने लगाई शर्तें इस्राईल ने पवित्र रमज़ान के अन्तिम जुमे की नमाज़ पढ़ने वालों के लिए कुछ शर्तें लगाई हैं।
ज़ायोनी शासन के अधिकारियों ने मुसलमानों के पहले क़िब्ले मस्जिदुल अक़सा में जुमे की नमाज़ पढ़न वालों के लिए कुछ शर्तों की घोषणा की है। इसमें पहली शर्त यह है कि 16 वर्ष से लेकर 30 वर्ष के लोग मस्जिदुल अक़सा में जुमे की नमाज़, पढ़ ही नहीं सकते। दूसरी शर्त यह है कि 30 साल से 50 साल की आयु के लोग भी आज्ञापत्र होने की स्थिति में ही मस्जिदुल अक़सा में प्रविष्ट हो सकते हैं अन्यथा उन्हें मस्जिद में प्रविष्ट होने की अनुमति नहीं होगी।
ज्ञात रहे कि पवित्र रमज़ान के अन्तिम शुक्रवार के दिन ज़ायोनी शासन ने मस्जिदुल अक़सा को एक छावनी में परिवर्तित कर दिया है। शुक्रवार के दिन पूरे बैतुल मुक़द्दस नगर विशेषकर मस्जिदुल अक़सा की कड़ी सुरक्षा कर दी गई है। मस्जिद के चारों और भारी संख्या में इस्राईल सैनिक तैनात हैं।
इस्राईली सैनिक गुरूवार की रात से ही नमाज़ियों को मस्जिदुल अक़सा में जाने से रोक रहे हैं। पिछले तीन जुमों में लाखों की संख्या में फ़िलिस्तीनी नमाज़ी मस्जिदुल अक़सा पहुंचे थे। अधिक संख्या के भय से इस्राईली सैनिक फ़िलिस्तीनी नमाज़ियों को मस्जिदुल अक़सा में जाने से रोक रहे हैं।
source : abna