भारत के वरिष्ठ शिया धर्मगुरू और इमामे जुमा लखनऊ, मौलाना सय्यद कल्बे जवाद ने मंगलवार को अपने निवास पर पत्रकारों को संबोधित करते हुए यूपी में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग की है।
लखनऊ से प्राप्त समाचारों के अनुसार मौलाना कल्बे जवाद कल लखनऊ के हज़रतगंज में स्थित शाही मस्जिद में नमाज़ पढ़ाने जा रहे थे। पुलिस ने उनको मस्जिद जाने से रोका और मस्जिद में ताला डाल दिया गया।
इमामे जुमा लखनऊ के साथ मौजूद धर्मगुरूओं और हज़ारों की संख्या में मौजूद नमाज़ियों ने जब पुलिस के इस रवैये का विरोध किया गया तो पुलिस ने बल प्रयोग करते हुए मौलाना कल्बे जवाद को गिरफ़्तार कर लिया और आम जनता और दूसरे धर्मगुरूओं पर लाठी बरसानी शुरू कर दी।
धर्मगुरू मौलाना कल्बे जवाद ने कल पुलिस द्वारा धर्मगुरूओं, औरतों, बच्चों, बूढ़ों और युवाओं पर किए गए बर्बरतापूर्वक लाठी चार्ज और गिरफ़्तारी की कड़े शब्दों में निंदा की। उन्होंने कहा कि हम ज़ुल्म के आगे झुकने वाले नहीं हैं।
मौलाना कल्बे जवाद ने कहा कि कल मस्जिदों में नमाज़ियों को नमाज़ पढ़ने से रोका गया और ताला डाल दिया गया। उन्होंने कहा कि पुलिस वालों ने जूते पहन कर मस्जिद के अंदर प्रवेश किया। मौलाना ने कहा कि यह सरकार जानबूझ कर हमारी इबातगाहों का अपमान करवा रही है।
भारत के वरिष्ठ शिया धर्मगुरू ने कहा कि हमारे इमामबाड़ों में अर्धनग्न औरतों को जाने दिया जा रहा है और जब हम उसका विरोध करते हैं तो यह कहा जाता है कि यह सरकार की सम्पत्ति है। उन्होंने कहा कि अब मस्जिदों में जूते पहन कर पुलिस जा रही है। मौलाना कल्बे जवाद का कहना था कि हम अब यह बर्दाशत नहीं करेंगे कि हमारे पवित्र स्थलों का अपमान होता रहे और हम चुपचाप देखते रहें।
मौलाना कल्बे जवाद ने अपने आवास पर पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि पुलिस ने क्रूरता के साथ महिलाओं और बच्चों को मारा, महिलाओं की गोदों में जो बच्चे थे उनपर भी लाठियां बरसाई गईं। उन्होनें कहा कि यह वैसे ही अत्याचार हैं जैसे का सीरिया और इराक़ में आईएसआईएल तथा फ़िलिस्तीन में ज़ायोनी शासन कर रहा है। मौलना ने कहा कि यूपी की पुलिस उन्ही आतंकवादियों की तरह महिलाओं और बच्चों को टार्गेट करके उनपर अत्याचार और ज़ुल्म कर रही है। मौलाना कल्बे जवाद नक़वी ने कहा कि जब पुलिस ने हमारी मस्जिद पर ताला डाला और हमें नमाज़ पढ़ने से रोका तो हमने लखनऊ के ज़िलाअधिकारी और अपर ज़िलाअधिकारी से मस्जिद में केवल नमाज़ पढ़ने की अनुमति मांगी तो उन लोगों ने साफ़ इंकार कर दिया।
उन्होंने कहा कि लखनऊ प्रशासन झूठ बोल रहा है कि हमने स्वयं गिरफ़्तारी दी है बल्कि हमें शाही मस्जिद में नमाज़ पढ़ने के जुर्म में गिरफ़्तार किया गया है जिसके बाद पुलिस ने अपनी बर्बरता का परिचय दिया। बसों के साथ चल रहे लोगों, महिलाओं और बच्चों पर लाठियां बरसाई गईं, धर्मगुरूओं को मारा गया और बच्चों तथा महिलाओं को विशेषकर निशाना बनाया गया।
इमामे जुमा लखनऊ ने कड़े शब्दों में राज्य सरकार से मांग की है कि जिन लोगों को फर्ज़ी मामलों में गिरफ़्तार किया गया है उन्हें तुरंत रिहा किया जाए और पिछले वर्ष जुमअतुल विदा के बाद से अबतक जितने भी फर्ज़ी मुक़द्दमे लिखे गए हैं उन सभी को वापस लिया जाए। मौलाना का यह भी कहना था कि साथ ही जुमअतुल विदा के दिन शहीद हुए कर्रार मेहदी के हत्यारों को गिरफ़्तार किया जाए।
मौलाना कल्बे जवाद ने पत्रकारों से वार्ता में कहा कि हमारा यह विरोध प्रदर्शन चलता रहेगा और सरकार हमें दबाने की कोशिश न करे। उन्होंने कहा कि जितना हमें दबाया जाएगा हम उतनी ही शक्ति के साथ फिर उभरेंगे। भारत के वरिष्ठ शिया धर्मगुरु ने कहा कि हमारे वैध अधिकार हमें मिलने चाहिए यह हमारा संवेधानिक अधिकार है। उन्होंने कहा कि आख़िर क्या कारण है कि राज्य की समाजवादी सरकार वक़्फ बोर्ड की सी.बी.आई जांच करवाने से क्यों घबरा रही है?
मौलाना कल्बे जवाद ने कहा कि सोमवार को हुआ लाठी चार्ज केवल लाठीचार्ज नहीं था बल्कि इसमें धारदार हथियारों का भी प्रयोग किया गया है और लोगों की हत्या करने की कोशिश की गई। उन्होंने कहा कि जिस तरह महिलाएं, बच्चे, और आम लोग घायल हुए हैं और उनके सरों में घाव लगे वैसा किसी धारदार हथियार से किये गए हमले होता है। मौलाना कल्बे जवाद ने कहा कि उत्तर प्रदेश में समाजवादी सरकार के नतृत्व में जंगल राज चल रहा है और क़ानून नाम की कोई चीज़ नहीं है। उन्होंने कहा कि यूपी में अल्पसंख्यकों के अधिकारों की बात करने वाली सरकार अल्पसंख्यकों पर इस तरह लाठियां बरसा रही है जैसे हत्या की कोशिश की जाती है।
मौलाना ने कहा कि इस जंगल राज को ख़त्म करने का एक ही रास्ता है कि उत्तर प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया जाए।
source : abna