उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बुधवार को भारत के वरिष्ठ शिया धर्मगुरू मौलाना कल्बे जवाद और 4 अन्य शिया धर्मगुरूओं को पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया।
लखनऊ से मिल रही सूचना के अनुसार मौलाना कल्बे जवाद शाम 5 बजे लखनऊ के हज़रतगंज स्थित शाही मस्जिद में एक मजलिस को पढ़ रहे थे, जिसमें हज़ारों की संख्या में शिया मुसलमानों ने भी भाग लिया था। मजलिस पढ़ते हुए मौलाना कल्बे जवाद ने कहा कि प्रदेश की समाजवादी सरकार बिल्कुल वैसे ही अत्याचार कर रही है जैसे यज़ीदी अपने अत्याचार के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने कहा कि हम अपना अधिकार मांग रहे हैं क्या यह ग़लत है? और अगर ग़लत है तो राज्य सरकार हमें लिखकर दे कि हमारी मांगें ग़लत हैं।
मौलाना कल्बे जवाद ने कहा कि हम ज़ुल्म और अत्याचार के ख़िलाफ आवाज़ उठा रहे हैं, हमारा प्रदर्शन महिलाओं और बच्चों के ऊपर पुलिस द्वारा की गयी बर्बरतापूर्ण लाठीचार्ज के ख़िलाफ़ है।
उन्होंने कहा कि हमारे सम्मानित उलमा का इस सरकार ने अपमान किया है, हम अपने हक़ के लिए लड़ते रहेंगे चाहे हमें गिरफ़्तार कर लिया जाए। इमामे जुमा लखनऊ ने कहा कि हम ज़िल्लत की ज़िंदगी से मरना बेहतर समझते है और अगर यह सरकार ज़ुल्म करने पर तैयार है तो हम सब्र करने के लिए तैयार हैं। मजलिस के बाद मौलाना कल्बे जवाद, मस्जिद से बाहर निकले और उनके साथ मौलाना अली अब्बास ख़ान, मौलाना रज़ा हुसैन, मैलाना फ़िरोज़ और मौलाना इफ़तेख़ार इंक़ेलाबी मौजूद थे तभी पुलिस ने मौलान कल्बे जवाद सहित पांचों शिया धर्मगुरूओं को गिरफ़्तार कर लिया।
मौलाना कल्बे जवाद और अन्य चारों शिया उलमा की गिरफ़्तारी के समय वहां मौजूद हज़ारों लोग सरकार विरोधी नारे लगाने लगे। भारत के वरिष्ठ शिया धर्मगुरू मौलाना कल्बे जवाद की गिरफ़्तारी की ख़बर फैलते ही पूरे लखनऊ शहर और भारत के शिया बाहुल्य क्षेत्रों में रोष पाया जाता है।
source : abna