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Sunday 7th of July 2024
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अफ़ग़ानिस्तान, काबुल में बम विस्फ़ोट में दसियों की मौत।

अफ़ग़ानिस्तान की राजधानी काबुल में एक भीषण बम धमाके में कम से कम 10 व्यक्ति हताहत और 120 से ज़्यादा घायल हुए हैं। काबुल के पुलिस प्रमुख अब्दुर्रहमान ने बताया कि यह कार बम का धमाका था। यह धमाका शुक्रवार तड़के 1 बजे हुआ। अफ़ग़ानिस्तान के उप रक्षा मंत्री मोहम्मद अय्यूब सलंगी ने कहा कि यह धमाका काबुल के शाह शहीद इलाक़े में एक सरकारी परिसर में हुआ।
अफ़ग़ानिस्तान, काबुल में बम विस्फ़ोट में दसियों की मौत।

अफ़ग़ानिस्तान की राजधानी काबुल में एक भीषण बम धमाके में कम से कम 10 व्यक्ति हताहत और 120 से ज़्यादा घायल हुए हैं।
काबुल के पुलिस प्रमुख अब्दुर्रहमान ने बताया कि यह कार बम का धमाका था। यह धमाका शुक्रवार तड़के 1 बजे हुआ। अफ़ग़ानिस्तान के उप रक्षा मंत्री मोहम्मद अय्यूब सलंगी ने कहा कि यह धमाका काबुल के शाह शहीद इलाक़े में एक सरकारी परिसर में हुआ।
इब्ने सीना अस्पताल की आपात चिकित्सा इकाई में शामिल डॉक्टर फ़िदा मोहम्मद ने कहा कि घायलों में 15 बच्चे और 20 महिलाएं हैं। उन्होंने बताया कि हवा में शीशे के टुकड़ों के उड़ने से ज़्यादातर लोग घायल हुए हैं। अभी तक किसी गुट ने इस धमाके की ज़िम्मेदारी नहीं ली है लेकिन विगत में तालेबान मिलिटेंट्स इस तरह के धमाके लिए दोषी ठहराए गए हैं।
इससे पहले गुरुवार को तालेबान के प्रवक्ता ज़बीहुल्लाह मुजाहिद ने कहा कि एक आत्मघाती ने विस्फोटक पदार्थ से लदे एक टैंकर को राजधानी काबुल से लगभग 60 किलोमीटर दक्षिण में स्थित, पुली आलम शहर में अफ़ग़ान सेना की विशेष इकाई के कार्यालय से टकरा दी। तालेबान के प्रवक्ता ने दावा किया कि इस घटना में लगभग 100 लोग हताहत और घायल हुए। हालांकि अफ़ग़ान अधिकारियों ने इस दावे को कड़ाई से ख़ारिज करते हुए कहा कि इस आतंकवादी हमले में 6 व्यक्ति हताहत और 100 अन्य घायल हुए।
ज्ञात रहे अफ़ग़ान सरकार और तालेबान मिलिटेंट्स के बीच बातचीत प्रक्रिया पिछले हफ़्ते उस वक़्त रुक गयी जब इस मिलिटेंट् गुट के सरग़ना मुल्ला उमर की मौत की पुष्टि की गयी और मुल्ला अख़तर मोहम्मद मंसूर को मुल्ला उमर का उत्तराधिकारी नियुक्त किया। मुल्ला मोहम्मद मंसूर की नियुक्ति का मुल्ला उमर के लड़के याक़ूब और मुल्ला उमर के भाई मुल्ला अब्दुल मन्नान सहित तालेबान के कई सदस्यों ने विरोध किया है और वे नए मतदान की मांग कर रहे हैं।
पर्यवेक्षकों का मानना है कि मौजूदा हालात के मद्देनज़र, तालेबान और अफ़ग़ान सरकार के बीच शांति वार्ता के भविष्य के बारे में कुछ कहना जल्दबाज़ी होगी। गुरुवार को हुए हमले से इस शांति वार्ता को जारी रखने की संभावना और जटिल दिखाई दे रही है।


source : abna
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