साए गए ज़ायोनियों के हाथों, दक्षिणी नाबलुस के दूमा गांव में दूध पीते फ़िलिस्तीनी बच्चे के ज़िन्दा जलाने की घटना की दुनिया भर में भर्त्सना की जा रही है।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून ने इस घटना की निंदा में कहा कि ज़ायोनी शासन द्वारा बसाए गए ज़ायोनियों को उनके पिछले अपराधों की सज़ा न दिए जाने के कारण यह घटना घटी है। उधर अमरीका ने इस घटना की निंदा की और इस्राईल से इस घटना के ज़िम्मेदारों को गिरफ़्तार करके उनके ख़िलाफ़ कार्यवाही की मांग की है। अमरीकी विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी किया जिसमें दोनों पक्षों से संयम से काम लेने की अपील की गयी है। दूसरी ओर स्पेन की सरकार ने भी डेढ़ साल के फ़िलिस्तीनी बच्चे अली सअद दवाब्शे को ज़िन्दा जलाने की आतंकवादी घटना की भर्त्सना की। इस बीच लेबनान के हिज़्बुल्लाह संगठन ने शुक्रवार को एक बयान जारी किया जिसमें इस घटना की निंदा के साथ ही आया है कि इस अपराध ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि ज़ायोनी शासन, बच्चों का हत्या करने वाला शासन है।
अरब संघ ने भी इस घटना की भर्त्सना की है। अरब संघ के महासचिव नबील अलअरबी ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से मांग की है कि वह इस आतंकी घटना पर इस्राईल के लिए बाध्यकारी प्रस्ताव जारी करे।
source : abna