दिल्ली के क़रीब फ़रीदाबाद ज़िले के बल्लभगढ़ इलाक़े के सनपेड गांव में एक दलित परिवार के दो मासूम बच्चों को ज़िन्दा जलाने की घटना के एक दिन बाद बुधवार को इस पीड़ित परिवार ने इस घटना की सी बी आई द्वारा या हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज के ज़रिए जांच कराने की मांग की है।
दोनों मासूम बच्चों के शव के साथ इस परिवार ने राज्य मार्ग पर ट्रैफ़िक को एक घंटे तक रोक कर अपना विरोध जताया। पीड़ित परिवार ने दोषियों को फांसी की सज़ा की मांग की है।
मंगलवार तड़के इस दलित परिवार के घर को कथित रूप से राजपूत समुदाय के सदस्यों ने आग लगा दी जिससे इस परिवार के दो बच्चों की मौत हो गयी। 2 साल का वैभव और 10 महीने की दिव्या दिल्ली के सफ़दरजंग अस्पताल पहुंचते पहुंचते मर गए जबकि इन बच्चों की मां रेखा को आई सी यू में भर्ती किया गया है जो गंभीर रूप से जल गयी है।
रेखा के पति जितेन्द्र का हाथ जला है।
पुलिस ने इस घटना में 11 लोगों के ख़िलाफ़ आरोप तय किए हैं जिनमें 3 लोगों को अब तक गिरफ़्तार किया गया है।
उधर बसपा मुखिया मायावती ने लखनउ में जारी बयान में, सनपेड गांव की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए चेतावनी दी है कि अगर दोषियों की गिरफ़्तारी और पीड़ित परिवार की सहायता में तनिक भी देर हुयी तो उनकी पार्टी के कार्यकर्ता सड़कों पर उतर कर आंदोलन करने पर मजबूर हो जाएंगे।
इस बीच एक अन्य समाचार के अनुसार, बुधवार की सुबह कांग्रेस पार्टी के उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने हरयाणा के कांग्रेस प्रमुख अशोक तलवार और कांग्रेस नेता शकील अहमद के साथ सनपेड़ घटना के पीड़ित परिवार से मुलाक़ात की।
राहुल गांधी ने पीड़ित परिवार के सदस्यों से मुलाक़ात में कहा, “अगर आप कमज़ोर हैं तो आपको कुचला जा सकता है। यह प्रधान मंत्री, हरयाणा के मुख्य मंत्री, बीजेपी और आरएसएस का संयुक्त रवैया है।” उन्होंने कहा कि सनपेड के बच्चों की सिर्फ़ इतनी ग़लती थी कि वे ग़रीब थे।
सी पी आई नेता बृंदा करात ने भी इस घटना के पीड़ित परिवार से मुलाक़ात की और सवाल किया कि अब तक मुख्यमंत्री या उनका कोई वरिष्ठ मंत्री इस परिवार से मिलने क्यों नहीं आया? उन्होंने कहा कि इस परिवार की शिकायत पर अब तक कोई कार्यवाही न होना यह दर्शाता है कि इस देश में दलित की शिकायत को कोई अहमियत नहीं दी जाती। (MAQ/N)
source : irib