इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने कहा है कि क्षेत्र में ईरान की नीतियां, अमरीका की नीतियों से पूरी तरह भिन्न हैं।
रविवार को विदेशमंत्री और विभिन्न देशों में तैनात ईरान के राजदूतों तथा प्रभारी राजदूतों ने तेहरान में वरिष्ठ नेता से मुलाक़ात की। इस मुलाक़ात में उन्होंने क्षेत्र की विषम परिस्थिति का कारण, पश्चिमी एशिया जैसे संवेदनशील क्षेत्र के बारे में अमरीकी की नीतियां बताया। उनहोंने कहा कि कुछ लोगों के विपरीत, जो अमरीका को क्षेत्रीय समस्याओं का समाधान मानते हैं, यह देश मध्यपूर्व की समस्या का बड़ा भाग है। वरिष्ठ नेता ने कहा कि क्षेत्र में अशांति का मुख्य कारण अमरीका द्वारा ज़ायोनी शासन और आतंकी गुटों का समर्थन है और यह नीतियां, ईरान की नीतियों से पूर्ण रूप से भिन्न हैं।
इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ने क्षेत्रीय मुद्दों पर अमरीका के साथ वार्ता को रद्द करते हुए कहा कि अमरीकी, अपने हित थोपने के प्रयास में हैं न कि समस्याओं का सामाधान चाहते हैं, वे वार्ता में अपनी 60 से 70 प्रतिशत मांगें थोपना चाहते हैं और बाक़ी लक्ष्य भी वह ग़ैर क़ानूनी तरीक़े से व्यवहारिक कर लेंते हैं या फिर थोप देते हैं ऐसे में फिर वार्ता का क्या अर्थ है?
आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने कहा कि ईरान की विदेश नीति वही है जो संविधान में व्यवस्था की विदेश नीति है। उनका कहना था कि ईरान की विदेश नीति, इस्लाम और इस्लामी क्रांति के लक्ष्यों व उमंगों से निकली है और विदेशमंत्रालय के अधिकारी तथा राजदूत व प्रभारी राजदूत वास्तव में, इन्हीं सिद्धांतों व उमंगों के सेवक, सैनिक और प्रतिनिधि हैं।
इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ने कहा कि क्षेत्रीय मामलों में ईरान का तर्क मज़बूत है और दुनिया उसे पसंद करती है। उन्होंने इन समस्याओं के समाधान के लिए ईरान के उपायों का विवरण देते हुए कहा कि फ़िलिस्तीन के मुद्दे पर ईरान ने अवैध अतिग्रहणकारी ज़ायोनी शासन को नकाराते हुए इस शासन के दिन-प्रतिदिन के अपराधों और भयावह त्रासदी की निंदा करते हुए समस्त फ़िलिस्तीनियों की उपस्थिति से चुनाव आयोजित किए जाने का सुझाव दिया जो दुनिया में जारी मापदंडों के पूर्ण अनुरूप हैं। वरिष्ठ नेता ने सीरिया के बारे में कहा कि इसका क्या अर्थ है कि दूसरे देश एक साथ एकत्रित हों और एक देश और उसके राष्ट्रपति के बारे में फ़ैसला करें? यह ख़तनाक परंपरा है जिसे दुनिया की कोई भी सरकार स्वीकार नहीं करेगी।
इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ने कहा कि सीरिया समस्या का समाधान, चुनाव है और इस काम के लिए सशस्त्र विरोधियों की वित्तीय और सामरिक सहायताएं रोकी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि पहले युद्ध और अशांति समाप्त हो ताकि सीरिया की जनता, शांतिपूर्ण वातावरण में जिसे चाहें अपने लिए चुने। (AK)
source : irib