नाइजीरिया के इस्लामी आंदोलन आईएमएन के प्रवक्ता इब्राहीम मूसा ने देश में शांति के दूत के रूप में प्रसिद्ध वरिष्ठ शिया धर्मगुरू शेख़ इब्राहीम ज़कज़की और शिया समुदाय पर सैनिकों के बर्बरतापूर्ण हमलों के पीछे एक बड़ी अंतरराष्ट्रीय साज़िश से पर्दा उठाया है।
ज़ारिया शहर में शिया समुदाय द्वारा नाइजीरियाई सेना प्रमुख का रास्ता रोकने के सेना के दावे को सफ़ैद झूठ क़रार देते हुए इब्राहीम मूसा ने कहा कि हमने हुसैनिया रोड से किसी को आने-जाने से नहीं रोका और सेना प्रमुख पर हमले का तो सवाल ही नहीं उठता।
उन्होंने कहा कि वास्तव में नाइजीरियाई मुसलमानों के बीच दिन प्रतिदिन शिया समुदाय और शेख़ ज़कज़की की बढ़ती लोकप्रियता से ज़ायोनी और वहाबी भयभीत हैं।
शिया समुदाय की जन सेवाओं और लोकप्रियता का मुक़ाबला करने के लिए पहले ज़ायोनियों और तकफ़ीरियों ने समुदाय को निशाना बनाने के लिए आतंकवादी गुट बोको हराम का इस्तेमाल किया और अब सीधे सेना का प्रयोग किया जा रहा है।
नवम्बर में कानो शहर में शिया मुसलमानों के एक जुलूस पर हमला करके, बोको हराम के आतंकवादियों ने 20 से अधिक निर्दोष लोगों की हत्या कर दी थी।
अगस्त में फ़िलिस्तीनियों पर इस्राईली सैनिकों के हमलों के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रहे शिया प्रदर्शनकारियों पर हमला करके नाइजीरियाई सैनिकों ने कई प्रदर्शनकारियों को मौत के घाट उतार दिया था।
आईएमएन के प्रवक्ता का कहना था कि कोई भी रास्ता रोकने या हमले में निशाना बनने का आरोप लगाकर शांति प्रिय नागरिकों को नरसंहार नहीं कर सकता।
उन्होंने कहा कि इस तरह के आरोप जिनमें निरंतर परिवर्तन हो रहा है, एक अंतरराष्ट्रीय साज़िश का हिस्सा हैं।
मूसा ने कहा कि मैं पूरे विश्वास से कह सकता हूं कि इस साज़िश में इस्राईल, वहाबियों और अमरीकियों की भूमिका है।
source : abna24