इन्ना लिल्लाहे व इन्ना इलैहे राजेऊन
आयतुल्लाह शेख बाक़िर नम्र की क्रूर व अन्यायपूर्ण सऊद हुकूमत के हाथों हुई मज़लूमाना शहादत की खबर बेहद दुखद है। अंग्रेजों के षड़यंत्र से हुकूमत के सिंहासन तक पहुंचने वाले आले सऊद शुरू से ही अपनी एक मनहूस दीर्घकालिक योजना पर काम कर रहे हैं जिसका उद्देश्य इस्लाम को धीरे धीरे ख़त्म करना, मुसलमानों के बीच फूट डालना और खून खराबे को आम करना, सही इस्लामी विचार को गलत दिशा देना और वास्तविक इस्लाम की जगह अमवी और वहाबी इस्लाम को बढ़ावा देना है। आयतुल्लाह शेख बाक़िर निम्र जैसे बहादुर और जुझारू आलिमे दीन का ऑले सऊद के हाथों क़त्ल भी अप्रत्याशित नहीं था क्योंकि उनके हाथ पहले से ही लाखों मज़लूम मुसलमानों के खून से रंगे हैं यही उनका पूरा इतिहास रहा है। इस समय भी जहां यमन की निर्दोष जनता पर दिन रात बमबारी की जा रही है वहीं उनके भाड़े के नौकर इराक़ और सीरिया में मुसलमानों का खून बहा रहे हैं। अब ऑले सऊद केवल एक संप्रदाय और समूह नहीं बल्कि पूरी एक पदभ्रष्ट व गुमराह प्रणाली है जिसे बड़ी साम्राज्यवादी ताकतों ने अपने समर्थन से इस्लामी दुनिया पर थोप रखा है। इस सरकार की नींव कभी भी चुनाव, मतदान या लोकतंत्र पर नहीं रही, इसके बावजूद पश्चिम उसका खुल कर समर्थन करता रहा है। एक दुखद बात यह भी है कि इस समय आले सऊद की यह तथाकथित सरकार विभिन्न देशों में फूट और मतभेद का स्रोत बनी हुई है, अलकायदा, तालिबान, आईएस और इस तरह के तरह दूसरे अत्याचारी संगठन इसी हुकूमत की छत्र छाया और उन्हीं के पैसे से वुजूद में आए हैं जिन्होंने वास्तव में इस्लाम की इज्जत को मिट्टी में मिला दिया है और यह उसी सऊदी अमवी और वहाबी इस्लाम का परिणाम है।
महदी महदवीपूर
02/01/2016
source : abna24