![इराक़ी वैज्ञानिकों की हत्या व अपहरण अमरीका ज़िम्मेदार। इराक़ी वैज्ञानिकों की हत्या व अपहरण अमरीका ज़िम्मेदार।](https://erfan.ir/system/assets/imgArticle/2016/04/82551_429143_m.jpg)
इराक़ के सांसद व पूर्व शिक्षा मंत्री मोहम्मद तमीम ने अलवतन अख़बार के साथ इंटर्व्यू में, 2003 से अब तक सैकड़ों इराक़ी वैज्ञानिकों की हत्या व अहपरण की घटना का उल्लेख करते हुए कहा कि इस वक़्त विभिन्न क्षेत्रों में विशेषज्ञों की कमी के कारण, विकास के मार्ग में रुकावटें पैदा हो रही हैं।
इराक़ी सूत्रों की रिपोर्ट के अनुसार, 2003 में बग़दाद के अतिग्रहण के एक महीने के बाद अमरीकी सैनिकों ने लगभग 400 इराक़ी वैज्ञानिकों व यूनिवर्सिटियों के प्रोफ़ेसरों का अहपरण किया और उत्तरी बग़दाद के ताजी इलाक़े में एक सैन्य छावनी में 2006 तक उन्हें क़ैद में रखा।
इराक़ी गृह मंत्रालय के अधिकारी के अनुसार, अप्रैल 2003 से अब तक लगभग 500 विशेषज्ञ, वैज्ञानिक और प्रोफ़ेसर या तो मार दिए गए या उनका अपहरण हो गया है।
ऐसी स्थिति में इराक़ी वैज्ञानिकों व विद्वानों की हत्या व अपहरण का मामला सामने आया है कि सामाचारिक सूत्र इन विद्वानों व वैज्ञानिकों की हत्या में ज़ायोनी गुप्तचर संगठन मोसाद का हाथ बता रहे हैं। मोसाद विभिन्न क्षेत्रों में इराक़ की प्रगति को रोकने के लिए ऐसे कृत्य कर रहा है।
पूर्व अमरीकी राष्ट्रपति जॉर्ज डब्लयू बुश के सत्ताकाल में अमरीकी विदेश मंत्रालय ने एक रिपोर्ट पेश की थी जिसमें इस बात का उल्लेख था कि मोसाद, इराक़ के वैज्ञानिकों ख़ास तौर पर परमाणु वैज्ञानिकों की हत्या कर रहा है क्योंकि इस्राईल का मानना है कि इराक़ में परमाणु वैज्ञानिकों का वजूद उसके वजूद के लिए ख़तरा है।
इन सब बातों के मद्देनज़र ऐसा लगता है कि इराक़ी वैज्ञानिकों की हत्या के पीछे इस देश को सद्दाम शासन के बाद के काल में प्रगति से रोकना है।
source : abna24