अफ़ग़ानिस्तान में तालेबान ने इस देश के उत्तरी प्रांत बग़लान के एक भाग पर क़ब्ज़ा कर लिया है। हालांकि इस प्रांत की परिषद ने दंद ग़ौरी ज़िले पर तालेबान के फिर से क़ब्ज़ा करने के ख़तरे की ओर से सचेत किया था। ताज़ा स्थिति यह है कि दंद ग़ौरी ज़िले के कुछ भाग पर तालेबान ने क़ब्ज़ा कर लिया है।
लगभग चालीस दिन तक अफ़ग़ान सैनिकों और तालेबान के बीच भीषण लड़ाई के बाद दंद ग़ौरी ज़िले से तालेबान का सफ़ाया हो गया था किन्तु तालेबान ने दोबारा इस ज़िले के कुछ भाग पर क़ब्ज़ा कर लिया।
तालेबान ने दंद ग़ौरी के कुछ भाग पर नियंत्रण ऐसी स्थिति में किया है जब इस देश के हेलमंद प्रांत सहित कई दूसरे प्रांतों में तालेबान की गतिविधियां काफ़ी बढ़ गयी हैं।
अभी कुछ दिन पहले हेलमंद प्रांत में अफ़ग़ान सैनिकों और तालेबान के बीच कुछ समय तक झड़प के बाद, सुरक्षा बल इस प्रांत के मूसा क़िला और नौज़ाद इलाक़ों में अपनी छावनियां छोड़ कर चले गए।
अफ़ग़ानिस्तान में तालेबान हर साल शीत ऋतु के अंत और बसंत ऋतु के आगमन पर, एक धमकी भरा बयान जारी करते हैं जिसमें वे इस देश में फिर से व्यापक हमला करने का एलान करते हैं।
तालेबान के सरग़ना मुल्ला उमर के मरने और मुल्ला अख़्तर मंसूर के उसके स्थान पर नियुक्त होने के बाद, तालेबान में कई धड़े बने। इसके बाद टीकाकारों ने तालेबान की हिंसक कार्यवाहियों में कमी आने की समीक्षा पेश की किन्तु अफ़ग़ानिस्तान में पिछले वर्षों की तरह इस बार भी बसंत ऋतु की कार्यवाही के परिप्रेक्ष्य में तालेबान की हिंसक कार्यवाहियां, मुल्ला अख़्तर मंसूर के विचार में, यह संदेश देने के लिए हैं कि इस गुट में मतभेद के बावजदू तालेबान की आक्रमक क्षमता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है।
source : abna24