अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने वाशिंग्टन में उत्तरी यूरोप के पांच देशों के नेताओं से भेंट में उत्तरी यूरोप में रूस की सैन्य उपस्थिति की आलोचना की।
पूर्वी यूरोप और बाल्टिक क्षेत्र में अमेरिका और रूस के मध्य तनाव में वृद्धि हो जाने के बाद ओबामा ने स्वीडेन, डेनमार्क, फिनलैंड, आइसलैंड और नार्वे के नेताओं से वाशिंग्टन में भेंट की और इन देशों के साथ अमेरिका के मज़बूत संबंधों की सराहना की। साथ ही ओबामा ने दावा किया कि यद्यपि वह तनावों को कम करने के प्रयास में हैं परंतु साथ ही वह रूस के खुले हमलों का मुकाबला करने के लिए तैयार हैं।
उन्होंने रूस का आह्वान किया कि वह अंतरराष्ट्रीय क़ानूनों के परिप्रेक्ष्य में अपनी सैनिक गतिविधियों को अंजाम दे। साथ ही वाशिंग्टन में उत्तरी यूरोप के पांच देशों के नेताओं की बराक ओबामा के साथ बैठक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतीन ने चेतावनी दी है और कहा है कि रोमानिया में अमेरिका की प्रक्षेपास्त्रिक ढ़ाल प्रणाली से उत्पन्न खतरे की समीक्षा की जायेगी।
यह ऐसी स्थिति में है जब रूस की चेतावनी के बावजूद अमेरिका ने उत्तरी पोलैंड और बाल्टिक क्षेत्र के समुद्री तटों के निकट प्रक्षेपास्त्रिक ढ़ाल प्रणाली को स्थापित करना आरंभ कर दिया है। कार्यक्रम के अनुसार इस क्षेत्र में प्रक्षेपास्त्रिक ढ़ाल प्रणाली का निर्माण 2018 तक पूरा हो जायेगा और वहां पर 300 अमेरिकी सैनिकों को तैनात किया जायेगा। प्रतीत यह हो रहा है कि इस समय पश्चिम और रूस का टकराव नैटो और रूस के परिप्रेक्ष्य में हो रहा है।
रूसी अधिकारी सदैव नैटो को संदेह की दृष्टि से देखते रहे हैं चाहे वह यूरोप के स्तर पर हो या अंतरराष्ट्रीय स्तर पर। बहरहाल स्वीडेन और फिनलैंड इस समय नैटो के सदस्य नहीं हैं और इन दोनों देशों के नैटो का सदस्य बन जाने की प्रबल संभावना है। अगर ये दोनों देश भी नैटो के सदस्य बन गये तो निश्चित रूप से यह विषय रूस की चिंता में वृद्धि का कारण बनेगा। MM
source : irib