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इस्राईल की डावांडोल स्थिति और नेतनयाहू की बढ़ती मुशकिलें

स्राईल में राजनैतिक खींचतान चरम पर पहुंच गई है जिसके कारण ज़ायोनी शासन के प्रधानमंत्री बिनयामिन नेनतनयाहू बड़ी कठिनाइयों में पड़ गए हैं। नेतनयाहू ने गठबंधन मंत्रिमंडल में शामिल दलों के
इस्राईल की डावांडोल स्थिति और नेतनयाहू की बढ़ती मुशकिलें

स्राईल में राजनैतिक खींचतान चरम पर पहुंच गई है जिसके कारण ज़ायोनी शासन के प्रधानमंत्री बिनयामिन नेनतनयाहू बड़ी कठिनाइयों में पड़ गए हैं।

नेतनयाहू ने गठबंधन मंत्रिमंडल में शामिल दलों के अध्यक्षों की बैठक में कहा कि मंत्रिमंडल को टूटन से बचाने के लिए वह इस्राईल आवर होम पार्टी के नेता एविगडर लेबरमैन को मंत्रिमंडल में शामिल करने पर मजबूर हैं।

नेतनयाहू ने इसके साथ ही यह भी कहा कि ज़ायोनी एलायंस नामक दल के नेता इसहाक़ हर्ज़विग से उनकी वार्ता का कोई नतीजा नहीं निकला इस लिए हर्ज़विग के मंत्रिमंडल में शामिल होने की संभावना बहुत कम है। यह एसी स्थिति में है कि नेतनयाहू की लिकुड पार्टी के नेताओं का कहना है कि लेबरमैन की भारी शर्तें यह दर्शाती हैं कि वह मंत्रिमंडल में शामिल नहीं होना चाहते। ख़बरों से पता चलता है कि नेतनयाहू की नीतियों पर आपत्ति बहुत बढ़ चुकी है कि और इस्राईल में विभिन्न धड़े उनकी नीतियों को अब और सहन करने के लिए तैयार नहीं हैं। नेतनयाहू ने युद्ध मंत्री मूशे यालून की भी निंदा की है क्योंकि उन्होंने नेतनयाहू की नीतियों की आलोचना की थी।

इन परिस्थितियों को देखते हुए टीकाकार कहते हैं कि वर्ष 2016 इस्राईल के लिए संकटों का साल है। नेतनयाहू ने हालिया वर्षों में बहुत कमज़ोर रूप से काम किया है जिसके कारण ज़ायोनी शासन के भीतर मतभेद बढ़ते चले गए। जो संकट ज़ायोनी शासन के सामने इस समय दिखाई दे रहे हैं उनसे इस अवैध शासन का भविष्य अंधकारमय हो गया है और एसा लगने लगा है कि इस्राईल के पतन की प्रक्रिया में गत आ गई है।

ज़ायोनी शासन में होने वाले परिवर्तनों से यह पता चलता है कि राजनैतिक मंच पर नेतनयाहू के सारे दावं विफल हो गए हैं। मार्च 2015 में समय से पहले चुनाव कराकर नेतनयाहू इस कोशिश में थे कि अपनी स्थिति मज़बूत कर लें लेकिन नेतनयाहू की जीत के बाद ज़ायोनी शासन की स्थिति के और भी ख़राब हो जाने से पता चलता है कि वह राजनैतिक संकट को नियंत्रित नहीं कर सकते।

ज़ायोनी प्रधानमंत्री के बारे में कहा जाता है कि अपनी ज़िद और हठ के कारण उन्होंने अमरीकी राष्ट्रपति को भी नाराज़ किया जिसके कारण इस्राईल के लिए अमरीका में समस्याएं उत्पन्न हुई हैं।


source : irib
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