जातिवाद और भेदभाव से संघर्ष करने वाले यूरोपीय आयोग ने यूरोप में इस्लामोफोबिया और पलायनकर्ताओं के विरुद्ध कार्यवाहियों के अधिक होने की सूचना दी है।
इस यूरोपीय आयोग की वार्षिक रिपोर्ट के आधार पर पेरिस में होने वाले आतंकवादी हमलों के बाद समूचे यूरोप में इस्लामोफोबिया और शरणार्थी विरोधी भावनाओं में वृद्धि हो रही है।
यूरोपीय आयोग की रिपोर्ट में आया है कि शरणार्थियों से शत्रुता केवल दक्षिण पंथी पार्टियों के समर्थकों तक सीमित नहीं है बल्कि पूरे यूरोप में फैल गयी है। जातिवाद और भेदभाव से संघर्ष करने वाले यूरोपीय आयोग के प्रमुख CHRISTIAN AHLUND ने कहा है कि यूरोपीय देशों को चाहिये कि वे जातिवादी हिंसा से मुकाबला करें और शरणार्थियों के संबंध में समान नीति अपनायें।
जातिवाद और भेदभाव से संघर्ष करने वाले यूरोपीय आयोग की रिपोर्ट नवंबर 2015 को पेरिस और जारी वर्ष के मार्च महीने में ब्रसल्ज में होने वाले हमलों के बाद यूरोप में इस्लामोफोबिया और शरणार्थी विरोधी कार्यवाहियों के अधिक होने की सूचक है। इस्लामोफोबिया के परिप्रेक्ष्य में यूरोप में मुसलमानों के विरुद्ध जो कार्यवाहियां की जा रही हैं यूरोप के चरमपंथी व्यक्तियों और दक्षिणी पंथी पार्टियों की ओर से की जा रही हैं और ये सब यूरोपीय देशों की सरकारों की हरी झंडी से हो रहा है।
इसके साथ ही कुछ यूरोपीय देश इस्लामोफोबिया से मुकाबले पर बल दे रहे हैं पर व्यवहारिक रूप से हम फ्रांस, जर्मनी, बेल्जियम और ब्रिटेन सहित बहुत से पश्चिमी देशों में मुसलमानों के लिए सीमाओं के साक्षी हैं। यह विषय पश्चिमी देशों में इतना ज़ोर पकड़ गया है कि इन देशों के कुछ वरिष्ठ अधिकारियों ने भी इसे स्वीकार किया है। फ्रांस के प्रधानमंत्री Manuel Valls के उस बयान को इसी परिप्रेक्ष्य में देखा जा सकता है जिसमें उन्होंने कहा है कि फ्रांस में जातिवाद और मुसलमानों से घृणा में बहुत वृद्धि हो गयी है। साथ ही उन्होंने कहा कि अपने विश्वासों के कारण मुसलमानों पर हमले नहीं होने चाहिये।
source : abna24