इस्लामी इंक़ेलाब के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़्मा सैयद अली ख़ामेनेई ने कहा है कि पैग़म्बरे इस्लाम (स) की पत्नियों का अपमान वर्जित है।
हज़रत ख़दीजा सम्मेलन के आयोजकों से मुलाक़ात में सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़्मा सैयद अली ख़ामेनेई ने कहा कहा कि पैग़म्बरे इस्लाम (स) की किसी भी पत्नी का अपमान वर्जित है।
उन्होंने कहा कि पैग़म्बरे इस्लाम (स) की समस्त पत्नियां, सम्मानीय हैं अतः जिसने भी उनका अपमान किया, मानो उसने स्वयं पैग़म्बरे इस्लाम (स) का अपमान किया है। सुप्रीम लीडर ने कहा कि इस बात को मैं स्पष्ट रूप से कहता हूं कि हज़रत अली अलैहिस्सलाम ने हज़रत आएशा के साथ स्नेहपूर्ण व्यवहार किया। यह इसलिए था क्योंकि वे पैग़म्बरे इस्लाम (स) की पत्नी थीं।
यह पहली बार नहीं है कि जब सुप्रीम लीडर ने पैग़म्बरे इस्लाम (स) की पत्नियों का अपमान किए जाने से बचने पर बल दिया। उन्होंने इससे पहले पूछे गये एक प्रश्न के उत्तर में इस विषय को स्पष्ट कर दिया था। सुप्रीम लीडर के इस जवाब ने पूरी दुनिया में हंगामा मचा दिया। इस्लामी इंक़ेलाब के सुप्रीम लीडर के इस उत्तर का पूरे इस्लामी जगत में भव्य स्वागत किया गया। मिस्र के अलअज़हर विश्वविद्यालय ने ईरान के सुप्रीम लीडर के इस फत्वे को बहुत ही महत्पूर्ण बताया था। सुप्रीम लीडर ने उस समय कहा था कि पैग़म्बरे इस्लाम (स) की पत्नी हज़रत आएशा सहित सुन्नी मुसलमानों के किसी भी प्रतीक का अपमान हराम है। इस विषय में ईश्वरीय दूतों विशेषकर पैग़म्बरे इस्लाम की पत्नियों का अपमान शामिल है। सुप्रीम लीडर ने इसी प्रकार शिया और सुन्नी मुसलमानों की पवित्र चीज़ों के अपमान को वर्जित बताया था। अपने एक एक बयान में उन्होंने कहा था कि इस्लामी व्यवस्था और हमारी नज़र में रेड लाइन यह है कि, मुसलमानों की पवित्र चीज़ों का अनादर, हराम है। जो लोग जाने-अनजाने और निश्चेतना में मुसलमानों की पवित्र चीज़ों का अपमान करते हैं उनको पता नहीं वे क्या कर रहे हैं? यही लोग शत्रुओं का बेहतरीन हथकंडा हैं, वे दुश्मनों के हाथ के खिलौने हैं।
इसी प्रकार कुर्दिस्तान प्रांत के लोगों के मध्य सुप्रीम लीडरने कहा कि हम में से कुछ बेचारे वहाबियों और सलफ़ियों से अज्ञात हैं जिन्हें पेट्रोडालरों से भर दिया गया है, ताकि वे यहां-वहां जाकर आतंकी कार्यवाहियां करें। वे वास्तव में इस्लाम के शत्रुओं के पिट्ठु हैं।
इस्लामी इंक़ेलाब के सुप्रीम लीडरआयतुल्लाहिल उज़्मा सैयद अली ख़ामेनेई ने कहा कि कोई भी शिया या सुन्नी मुसलमान, जो एक दूसरे की पवित्र चीज़ों और आस्थाओं का अपमान करता है वह वास्तव में इस्लाम के दुश्मन का पिट्ठु हैं, यद्यपि उसे पता नहीं है कि वह क्या कर रहा है।
source : abna24