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दूसरे मज़हब वालों का अपमान, अहलेबैत अ. के चरित्र के विपरीत है।

अहलेबैत न्यूज़ एजेंसी अबना: इस्लामी इंक़ेलाब के सुप्रीम लीडर हज़रत आयतुल्लाह ख़ामेनई ने कहा कि ग़दीर का महत्वपूर्ण संदेश इस्लाम में हुकूमत के नियम और प्रक्रिया के हिसाब से इमामत का निर्धारित करना है। मंगलवार को ईद ग़दीर के अवसर पर ईरान के विभिन्न वर्गों से संबंधित लोगों ने इस्लामी इंक़ेलाब के सुप्रीम लीडर हज़रत आ
दूसरे मज़हब वालों का अपमान, अहलेबैत अ. के चरित्र के विपरीत है।

अहलेबैत न्यूज़ एजेंसी अबना: इस्लामी इंक़ेलाब के सुप्रीम लीडर हज़रत आयतुल्लाह ख़ामेनई ने कहा कि ग़दीर का महत्वपूर्ण संदेश इस्लाम में हुकूमत के नियम और प्रक्रिया के हिसाब से इमामत का निर्धारित करना है।
मंगलवार को ईद ग़दीर के अवसर पर ईरान के विभिन्न वर्गों से संबंधित लोगों ने इस्लामी इंक़ेलाब के सुप्रीम लीडर हज़रत आयतुल्लाह सैयद अली ख़ामेनई से मुलाक़ात की। इस अवसर पर इस्लामी इंक़ेलाब के सुप्रीम लीडर ने ईद गदीर की मुबारकबाद पेश करते हुए कहा कि ग़दीर इस्लामी समाज में हुकूमत के नियम और प्रक्रिया का आधार है और यह घटना साबित करती है कि इस्लाम इमामत व विलायत के अलावा, शाही और तानाशाही सरकारों जैसे किसी भी सरकारी मॉडल को स्वीकार नहीं करता। आयतुल्लाह सैयद अली ख़ामेनई ने अमीरुल हज़रत अली अलैहिस्सलाम की बेमिसाल गुणों विशेष रूप से उनके हुकूमती विशेषताओं ख़ास कर उनके न्याय व इंसाफ़, सदाचार व तक़वा की ओर समाज की हिदायत और सांसारिक बातों से दूरी और परहेज़ का जिक्र करते हुए कहा कि पूर्ण ईमान, इस्लाम के ऐलान में सबसे पहले, इस्लाम के रास्ते में बलिदान, ईमानदारी, त्याग, क्षमा व माफ़ कर देना हज़रत अली अलैहिस्सलाम के महत्वपूर्ण आध्यात्मिक और मानवीय गुण हैं। इस्लामी इंक़ेलाब के सुप्रीम लीडर ने ग़दीर के विषय के महत्व को बयान करते हुए पैग़म्बरे इस्लाम स.अ. के लिए अल्लाह तआला के इस आदेश की ओर इशारा करते हुए कि इमाम को निर्धारित करने के संबंध में रिसालत का काम पूरा कर दिया जाए, कहा कि यह ऐसा इस्लामी अक़ीदा है जो विश्वसनीय और मान्य तर्कों और स्रोतों पर आधारित है जिसका इंकार नहीं किया जा सकता है। लेकिन इस अक़ीदे को इस तरह से बयान नहीं किया जाना चाहिए कि जिससे सुन्नी भाइयों की भावनाओं उग्र हों क्योंकि किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना अइम्मा मासूमीन (अ) की सीरत के खिलाफ़ है। इस्लामी इंक़ेलाब के सुप्रीम लीडर ने इस्लामी एकता के महत्व पर ज़ोर देते हुए कहा कि शिया के नाम से अन्य इस्लामी समुदायों की भावनाओं को जो लोग भड़काते करते हैं दरअसल वह ब्रिटिश शियत के मानने वाले है न अलवी शियत के। जिसके नतीजे में आईएस और जिबहतुन नुस्रा जैसे अमेरिका और ब्रिटेन की खुफिया एजेंसी से जुड़े दुष्ट आतंकवादी समूह अस्तित्व में आए हैं जिन्होंने क्षेत्र में अनगिनत अपराध करते हुए बड़े पैमाने पर तबाही मचाई है।
आयतुल्लाह ख़ामेनई ने कहा कि ईरान की अर्थव्यवस्था में दुश्मन इसलिए कठिनाइयां पैदा करने की कोशिश कर रहा है ताकि ईरानी जनता इस्लामी लोकतांत्रिक व्यवस्था से नाराज हो जाए। उन्होंने डिफ़ेंस अर्थव्यवस्था पर अमल करने के बारे में अपनी लगातार ताकीदों का ज़िक्र करते हुए कहा कि इन परिस्थितियों में सरकार, संसद और विभिन्न क्षेत्रों के अधिकारियों और जनता के हर व्यक्ति की जिम्मेदारी है कि वह दुश्मन के लक्ष्य को विफल करने के लिए कदम उठाए और योजना बनाए। आयतुल्लाह सैयद अली ख़ामेनई ने कहा कि उन अनगिनत युवाओं की बरकत से जो इस्लाम और दीन के प्रसार के लिए लगातार कोशिशों में लगे हुए हैं, ईरान सही रास्ते पर अग्रसर है। उन्होंने फ़रमाया कि यह युवा अमरीका और ज़ायोनी शासन जैसे हर दुश्मन को घुटने टेकने पर मजबूर कर देंगे।


source : abna24
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