नाईजीरियाई पुलिस का एक बार फिर बर्बतापूर्ण चेहरा सामने आया है जब उसने इमाम हुसैन (अ.) का शोक मना रहे शिया मुसलमानों पर हमला कर 10 लोगों को मौत के घाट उतार दिया।
नाईजीरिया से प्राप्त समाचारों के अनुसार इस देश में शिया मुसमलानों के ख़िलाफ़ अत्याचारों का सिलसिला रुकने का नाम ही नहीं ले रहा है। सोमवार को नाईजीरियाई पुलिस ने शिया मुसलमानों द्वारा पैग़म्बरे इस्लाम (स) के नाती हज़रत इमाम हुसैन (अ.) का ग़म मना रहे लोगों पर अंधाधुंध फ़ायरिंग कर 10 लोगों को शहीद और दर्जनों अन्य को घायल कर दिया।
नाइजीरिया के इस्लामी आंदोलन और प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार पुलिस ने इस देश के कानू शहर के शिया मुसलमानों पर उस समय फ़ायरिंग कर दी जब वे सोमवार सुबह इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के चेहलुम के सिलसिले में प्रतीकात्मक जुलूस में भाग ले रहे थे।
प्रेस टीवी के अनुसार घटनास्थल पर मौजूद एक प्रत्यक्षदर्शी का कहना है कि पुलिस ने जुलूस में शामिल श्रद्धालुओं पर पहले आंसू गैस के गोले फेंके और फिर सीधे फायरिंग शुरू कर दी। इस हमले में 10 लोगों की मौत हो गई जबकि दर्जनों अज़ादार घायल भी हुए हैं जिनमें से कई की हालत गंभीर है।
ज्ञात रहे कि इससे पहले दिसंबर 2015 में नाइजीरिया की सेना ने ज़ारिया शहर में शिया मुसमलानों का नरसंहार किया था जिसमें सैकड़ों अज़ादार शहीद हो गए थे। इस हमले में नाइजीरिया के इस्लामी आंदोलन के प्रमुख आयतुल्लाह शेख़ इब्राहीम ज़कज़की गंभीर रूप से घायल हो गए थे जबकि उनके तीन बेटों को भी नाईजीरियाई सेना ने शहीद कर दिया था। याद रहे कि आयतुल्लाह ज़कज़की अभी भी नाईजीरिया की सेना की क़ैद में हैं।
एमनेस्टी इंटरनेशनल ने अपनी रिपोर्ट में नाइजीरिया की सेना को निर्दोष शिया मुसलमानों के जनसंहार के लिए ज़िम्मेदार बताते हुए इसकी कड़ी निंदा की थी।