अहलेबैत न्यूज़ एजेंसी अबना: मुसलमानों के सामने आने वाले नए राजनीतिक और सामाजिक मुश्किलों को देखते हुए आज मौलाना सैयद कल्बे जवाद नकवी ने एक बयान जारी करके कहा कि हमें देखना चाहिए कि कैसे पैग़म्बर हज़रत मोहम्मद स. ने मक्का और मदीना में जीवन बिताया है, मक्के और मदीने की राजनीतिक- सामाजिक स्थिति अलग थी और पैग़म्बरे इस्लाम हजरत मोहम्मद स. ने उसी स्थिति के अनुसार जीवन बिताया, हमारे इमामों अ. की जीवनशैली भी यही रही है क्योंकि सभी सरकारें उनकी विरोधी होती थीं इसलिए हमें कठिन परिस्थितियों में रसूले इस्लाम हजरत मोहम्मद स. और इमामों अ. के जीवन से सबक लेना चाहिए। मौलाना ने कहा कि धैर्य, सहनशीलता और अल्लाह पर भरोसा ही हर मुसीबत से नजात का रास्ता है। मौलाना ने कहा कि हमें उम्मीद है कि हमारी कौम पर जो जुल्म और अत्याचार पिछली सरकार में हुए हैं वह इस सरकार में नहीं होंगे। हमें उम्मीद है कि हमें हमारे अधिकार दिए जाएंगे।
मौलाना ने कहा कि हमारी कौम को किसी भी सरकार से भीख नहीं चाहिए बल्कि अपना हक चाहिए, हमारी वक्फ संपत्तियां, हुसैनाबाद ट्रस्ट, इमामबाड़े और हमारी अन्य संपत्तियां हमें वापस कर दी जाएँ, मौलाना ने कहा कि कौम के बेईमान व्यक्तियों, सरकारों और प्रशासन की मिली भगत से ही कौमी धरोहरें ,कौमी संपत्तियों को नुकसान पहुंचा है। मौलाना ने समाजवादी सरकार की ज्यादतियों और अन्याय की निंदा करते हुए कहा कि इमाम का कथन है कि यदि अत्याचारी को सजा मिलने में देर हो तो घबराना नहीं क्योंकि सजा देने में वह जल्दी करता है जिसे अपराधी के भाग जाने का डर हो। अल्लाह ने जालिम सरकार को सजा दी है और हमें इस चुनाव में कम से कम ये लाभ हुआ कि जो आरोप हमारी कौम पर लगते थे अब वो इलजाम नही लगेंगे।