मिडिल ईस्ट आई के अनुसार सीरिया में २००३ - २००६ तक ब्रिटिश राजदूत रहे पीटर फोर्ड का कहना है कि उन्होंने कई बार बश्शार असद से भेंट की है वह एक चतुर राजनैतिक एवं विद्वान आदमी है । एक आई स्पेशलिस्ट के रूप में उच्च शिक्षा प्राप्त बश्शार असद कमाल के विश्लेषक भी हैं । वह जानते हैं कि हर क्रिया की एक प्रतिक्रिया होती है । वह भलीभांति जानते हैं कि सीरिया मुद्दे पर ट्रम्प अपने पूर्ववर्ती ओबामा से अधिक नरम रवैय्या अपनाने का ऐलान कर चुके हैं, ऐसी स्थिति में असद रासायनिक हमलों जैसा मूर्खतापूर्ण क़दम नहीं उठा सकते जो अमेरिका को भड़काने का काम करे । उन्होंने सीरिया संकट में अपने देश की नकारात्मक भूमिका की निंदा करते हुए कहा कि खेद के साथ कहना पड़ रहा है कि सीरिया को बर्बाद करने में जो देश आगे आगे हैं उनमे हमारा देश भी हैं । विपक्ष में कोई नहीं है तो सरकार समझती हैं कि जनता पागल है मीडिया भी भृमित हो चुका है । उन्होंने कहा कि उन पर सरकार की ओर से बहुत अधिक दबाव था कि सीरिया से आतंकियों को इकट्ठा कर, इराक भेजे। लेकिन असद प्रशासन समझ रहा था कि इराक में सद्दाम के पतन के बाद खुद उनके अपने देश को भी ऐसी स्थिति का सामना करना पड़ सकता है । इराक पर अमेरिकी हमले के समय बहरैन में ब्रिटिश राजदूत रहे तथा उस समय अपने देश की नीतियों पर सवाल उठाते हुए दो खत लिखने वाले फोर्ड ने कहा कि मुझे अफ़सोस है कि मैने उस वक़्त बहुत अधिक सख्ती के साथ विरोध दर्ज नहीं कराया था ।