अहलेबैत (अ )न्यूज़ एजेंसी अबना : प्राप्त सूत्रों के अनुसार हिज़्बुल्लाह प्रमुख सय्यद हसन नसरुल्लाह ने आशूरे के दिन अपने भाषण से पूरे विश्व में तहलका मचा दिया। जिसमें बहुत सारी बातें थी, और इस्राइल के लिए कई धमकियां भी।उन्होंने अपने भाषण में यहूदियों और ज़ायोनियों को अलग किया और कहा कि हमारी जंग ज़ायोनियों से है ना की यहूदियों से। इस संबंध में यहूदी रब्बी का कहना था कि सय्यद हसन नसरुल्लाह बहुत गंभीर व्यक्तित्व के हैं। और सच्चाई से समस्याओं के
संबंध में बात करते हैं। वह लेबनान एवं फिलिस्तीन का प्रतिनिधित्व करते हुए बोलते हैं। उन्होंने आगे कहा की 300 साल पहले राजनीतिक आंदोलन हुआ था, जिसमें कहा जाता था कि एक अच्छा यहूदी बनने के लिए जरुरी नहीं है कि दीन के सारे क़ानूनों पर अमल किया जाए। इस आंदोलन का मक़सद एक स्थाई यहूदी देश बनाना था। जबकि धार्मिक यहूदी तौरैत की शिक्षा के अनुसार सरकार नहीं बना सकते, यही वजह है कि इस्राइल में रहने के बावजूद बहुत सारे यहूदी ऐसे हैं जिन्होंने न ही इस्राइली पासपोर्ट लिया है और ना ही उनके पास कोई पहचान पत्र है। इसलिए कि वह ज़ायोनी सरकार को ग़ैरक़ानूनी समझते हैं। जिसकी वजह से उन्हें गिरफ्तार भी किया जा सकता है और टॉर्चर भी किया जाता है। लेकिन हम कुछ कर नहीं सकते हैं, क्योंकि हमारी संख्या कम है। लेकिन जब सय्यद हसन नसरुल्लाह नें हमारा नाम लिया तो हमारी हौसला अफज़ाई हुई, आज की ज़ायोनी हथियार की नोक पर हमें धमकाते हैं कि अगर हमारा साथ ना दिया तो मारे जाओगे। रब्बी ने आगे
कहा कि अगर इस्राइल और हिज़बुल्लाह का युद्ध होता है तो हम इस्राइल का साथ हरगिज़ नहीं देंगे। आखिर में उन्होंने कहा कि मेरी बहुत तमन्ना है कि मुझे हसन नसरुल्लाह के साथ भेंट का सौभाग्य प्राप्त हो लेकिन अभी तक यह संभव नहीं हुआ है। ज़ायोनी बहुत कोशिश कर रहे हैं कि उन्हें यहूदियों का विरोधी क़रार दें जबकि ऐसा नहीं है वह ज़ायोनियों के विरोधी हैं, ना कि यहूदियों के।