सऊदी अरब और इस्राईल की खुफिया एजेंसियों में सहयोग जारी है, जिसका उदाहरण असकर देखने को मिला है कि जब इस्राईल और सऊदी इंटेलिजेंस अधिकारियों ने आपस में मुलाक़ातें की हैं।
अहलेबैत (अ )न्यूज़ एजेंसी अबनाः प्राप्त सूत्रों के अनुसार सऊदी अरब और इस्राइल दोनों देशों के आपस में आधिकारिक संबंध नहीं है और दोनों ही अमेरिका के सहयोगी हैं, साथ ही दोनों देश ईरान से डरे हुए हैं।
इस कारण रियाद और तेलअवीव के आकलन के अनुसार दोनों देश खुफ़िया तौर पर एक दूसरे का सहयोग कर रहे हैं।
इस्राईल द्वारा फ़िलिस्तीन के हालात बिगाड़ने और अरब देशों में राजदूत बदलने को अच्छी नज़र से नहीं देखा जा रहा है।
रियाद में होने वाले शतरंज के विश्व मुकाबलों में इस्राईल की टीम को भाग लेने से मना किया गया है, जबकि सैनिक और इंफॉर्मेशन विभागों में सहयोग किया जा रहा है।
सूत्रों के अनुसार रियाद इस्राइल से डिफेंस सिस्टम और ए पी एस सिस्टम खरीदने के बारे में विचार कर रहा है।
सऊदी अरब ज़ाहिरी तौर पर इस्राईल से संबंधों का विरोध करता है, पर अब सऊदी सरकार का इस्राईल से संबंध रखने के बारे में डर कम हो गया है। हालांकि सीआईए के प्रमुख ने ऐलान किया था कि इस्राइल अरब देशों के साथ आतंकवाद के समापन के लिए सहयोग करेगा, सऊदी अरब और इस्राईल की खुफिया एजेंसियों में सहयोग जारी है, जिसका उदाहरण असकर देखने को मिला है कि जब इस्राईल और सऊदी इंटेलिजेंस अधिकारियों ने आपस में मुलाक़ातें की हैं।