8 रबीउल अव्वल को हज़रत इमाम हसन अस्करी अलैहिस्सलाम का शहादत दिवस है। उन्होंने अपनी 28 साल की ज़िन्दगी में दुश्मनों की ओर से बहुत से दुख उठाए और तत्कालीन अब्बासी शासक ...
ह़ज़रत अली (अ.स) का जीवन दुनिया के तमाम मुसलमानों के लिए एक बहुत बड़ा पाठ है। आप की इबादत हो ख़ुदा के साथ मुनाजात और दुआ हो, दुनिया से मुंह मोड़ना हो, अल्लाह की याद में डूब ...
हज़रत इमाम रिज़ा अलैहिस्सलाम का जीवन परिचयहज़रत इमाम रिज़ा अलैहिस्सलाम का नाम अली व आपकी मुख्य उपाधि रिज़ा है।माता पिताहज़रत इमाम रिज़ा अलैहिस्सलाम के पिता हज़रत इमाम ...
बेशक रसूले अकरम (स.अ.व.व) तथा आपका कुटुम्ब ही सर्वगुण सम्पन्न एवं अनुसरण योग्य है तथा जनाबे उम्मे कुलसूम भी उसी कुटुम्ब की एक महान हस्ती हैं। जन्मतिथि हज़रते फातेमा ...
वाक़ेया ए करबला रज़्म व बज़्म, सोज़ व गुदाज़ के तास्सुरात का मजमूआ नही, बल्कि इंसानी कमालात के जितने पहलु हो सकते हैं और नफ़सानी इम्तियाज़ात के जो भी असरार मुमकिन हैं उन सब ...
पैग़म्बरे इस्लाम और उनके परिजन सत्य व मार्गदर्शन के नमूने हैं यही कारण हैं कि पैग़म्बरे इस्लाम ने कहा था कि मैं तुम्हारे बीच दो मूल्यवान यादगारें छोड़े जा रहा हूं एक है ...
अल्लाह की हम्द व सना और रिसालतमाब पर दुरूद व सलाम के बाद आपने इरशाद फ़रमाया --जो मुझे जानता है सो जानता है और जो नहीं जानता वह जान ले के मैं अली (अ0) इब्निल हुसैन (अ0) इब्ने अली (अ0) ...
मामून जो कि इमाम की तरफ़ लोगो की बढ़ती हुई मोहब्बत और लोगों के बीच आपके सम्मान को देख रहा था और आपके इस सम्मान को कम करने और लोगों के प्रेम में ख़लल डालने के लिए उसने बहुत से ...
उस समय अब्बासी शासक मोतमिद के हाथ में सत्ता थी। वह सोचता या कि इमाम हसन अस्करी अलैहिस्सलाम को अपने मार्ग से हटाकर वह उनकी याद को भी लोगों के मन से मिटा देगा और वे सदैव के लिए ...
हमारा अक़ीदह है कि इंसान की अक़्ल बहुत सी चीज़ों के हुस्न व क़ुब्ह (अच्छाई व बुराई )को समझती है। और यह उस ताक़त की बरकत से है जो अल्लाह ने इंसान को अच्छे और बुरे में तमीज़ करने ...
जौन बिन हुवैइ बिन क़तादा बिन आअवर बिन साअदा बिन औफ़ बिन कअब बिन हवी (1), कर्बला के बूढ़े शहीदों मे से थे। आप अबूज़र ग़फ़्फ़ारी और इमाम हुसैन (अ) के दास थे। आप अबूज़र ग़फ़्फ़ारी ...
इस चीज़ में कोई शक नहीं है, कि पृथ्वी के समस्त प्रकार मुसलमान प्रसिद्ध व पवित्र ग्रंथ कुरआनमजीद पर एक विशेष यक़ीन रख़ते है।बेसत शुरु होने से पहले विभिन्न क़ौम और दलो के ...
क्या आप महान व सर्वसमर्थ ईश्वर से प्रेम करने वाले व्यक्तियों को पहचानते हैं? ईश्वर से प्रेम करने वालों का हृदय उसके प्रेम में डूबा होता है। वे लोगों की समस्याओं का ...
इमाम मूसा काजि़म (अ) के एक हक़ीक़ी शीया ‘‘सफ़वान‘‘ ने एक ज़ालिम को ‘‘सफ़रे हज‘‘ के लिए अपने ऊँट किराए पर दे दिए थे, एक रोज़ सफ़वान की मुलाक़ात इमाम मूसा काजि़म (अ) ...
किताब कामिलुज़ ज़ियारत (शियों की एक मोतबर किताब) में ज़िक्र हुआ है कि जो लोग भी इमाम हुसैन (अ) के क़त्ल में शरीक थे, इन तीन बीमारियों में से एक में ज़रूर फँसेंगें, दीवानगी, बर्स ...
इमाम मुहम्मद तक़ी अलैहिस्सलाम का जन्म दस रजब सन १९५ हिजरी क़मरी को मदीना नगर में हुआ था। ज्ञान, शालीनता, वाकपटुता तथा अन्य मानवीय गुणों के कारण उनका व्यक्तित्व अन्य लोगों ...
पवित्र क़ुरआन के सूरए आले इमरान में आया है कि अलिफ़ लाम मीम, अल्लाह जिसके अतिरिक्त कोई ईश्वर नहीं है और वह सदैव जीवित है और हर वस्तु उसी की कृपा से स्थापित है। उसने आप पर वह ...
इस्लाम और सिक्योलरिज़्म आज की दुनिया के दो महत्वपूर्ण दृष्टिकोण (नज़रियात) हैं और इन्हीं की वजह से आज दुनिया दो गुरूप में विभाजित है।इनमें से एक इस्लामी दृष्टिकोण है और ...
इमाम रज़ा अ.स. को शहीद करने के बाद मामून चाहता था कि किसी तरह से इमाम तक़ी अ.स. पर भी नज़र रखे और इस काम के लिये उसने अपनी बेटी उम्मे फ़ज़्ल का निकाह इमाम तक़ी से करना चाहा।
इस बात पर ...