इस्लामी इतिहास एसी हस्तियों के अस्तिव के सुसज्जित व भरा पड़ा है जो न केवल अपने काल बल्कि समस्त कालों और पीढियों के लिए सर्वोत्तम आदर्श हैं और इन हस्तियों में सर्वोपरि ...
यूँ तो ख़िलक़ते आलम व आदम से लेकर आज तक इस रुए ज़मीन पर हमेशा नित नये हवादिस व वक़ायए रुनुमा होते रहे हैं और चश्मे फ़लक भी इस बात पर गवाह है कि उन हवादिस में बहुत से ऐसे हादसे ...
इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम की इमामत वाला जीवन बीस साल का था जिसको हम तीन भागों में बांट सकते हैं।
1. पहले दस साल हारून के ज़माने में
2. दूसरे पाँच साल अमीन की ख़िलाफ़त के ज़माने ...
हज़रत जौन का दफ़्न किया जाना
सोमवार बीस मोहर्रम सल 61 हिजरी
आशूर के दस दिन के बाद बनी असद के कुछ लोगों ने हज़रत अबूज़र ग़फ़्फ़ारी के दास हज़रत जौन के पवित्र शरीर को देखा इस ...
आज हज़रत इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम के रौज़े के पावन प्रांगण का वातावरण ही कुछ और है। आपकी शहादत के दुखद अवसर पर आपके पवित्र रौज़े और उसके प्रांगण में विभिन्न संस्कृतियों व ...
इन्तेज़ार के विभिन्न अर्थ व मअनी वर्णन किये गए हैं, लेकिन इस शब्द पर गौर व फिक्र के ज़रिये इसके अर्थ की वास्तविक्ता तक पहुँचा जा सकता है। इन्तेज़ार का अर्त किसी के लिए आँखे ...
तेहरान में नमाजे जुमा के ख़ुतबो में इस्लामी क्रांति के वरिष्ट नेता ने क्षेत्र तथा विश्व के महत्वपूर्ण विषयों का उल्लेख करते हुए कहा कि चुनौतियों पर नियंत्रण ...
ये महीना हुरमत वाले महीनो के शूरू होने का महीना है कि जिनका ज़िक्र परवरदिगार ने क़ुरआने करीम मे किया है।
सैय्यद इब्ने ताऊस एक रिवायत नक़्ल करते है कि ज़ीक़ाद का महीना सख्त ...
19,21,23 रमज़ानुल मुबारक की रात के आमाल 1) इन रातो मे गुस्ल करना सुन्नते मुअक्केदा है। 2) दो रकत नमाज़ सुबह की तरह पढ़ी जाऐ और हर रकत मे सात मरतबा क़ुलहो वल्लाहो अहद पढ़ी जाऐ और ...
हज़रत इमाम जाफ़र सादिक़ का नाम जाफ़र, आपकी कुन्नियत अबू अब्दुल्लाह, अबू इस्माईल और आपकी उपाधियां, सादिक़, साबिर व फ़ाज़िल और ताहिर हैं, अल्लामा मज़लिसी लिखते हैं कि ...
आपके नज़दीक कसबे हलाल बेहतरीन सिफ़त थी। जिस पर आप खुद भी अमल पैरा थे। आप रोज़ी कमाने को ऐब नहीं समझते थे और मज़दूरी को बहुत ही अच्छी निगाह से देखते थे। मोहद्दिस देहलवी का ...
हज़रत अली अलैहिस्लाम की दृष्टि में मनुष्य उच्च स्थान और मान व सम्मान का स्वामी होता है और उसे अपने साथ ऐसा व्यवहार नहीं करना चाहिए जिससे उसके मानवीय स्थान को क्षति ...
पवित्र क़ुरआन के सूरए आले इमरान में आया है कि अलिफ़ लाम मीम, अल्लाह जिसके अतिरिक्त कोई ईश्वर नहीं है और वह सदैव जीवित है और हर वस्तु उसी की कृपा से स्थापित है। उसने आप पर वह ...
हज़रत फातेमा मासूमा (अ.स) हज़रत इमाम सादिक़ (अ.स) की बेटीयो (फातेमा, ज़ैनब और उम्मेकुलसूम) से नकल करती है और इस हदीस की सनद का सिलसिला हज़रत ज़हरा (स.अ) पर खत्म होता हैः حدثتنی ...
सूरए आराफ़ की आयत संख्या 31 और 32 में ईश्वर कहता है। हे आदम की संतानो! हर मस्जिद के निकट (उपासना के समय) अपनी शोभा को धारण कर लो और खाओ पियो परंतु अपव्यय न करो कि ईश्वर अपव्यय ...
हबीब इबने मज़ाहिर” का अस्ली नाम “हबीब बिन मज़हर” है। (1) आप एक महान और सम्मानीय क़बीले से संबंधित हैं जिसका नाम इतिहास की पुस्तकों में “बनी असद” बताया गया है, और आप ...
इमाम मोहम्मद तक़ी अलैहिस्सलाम
1 सारे वोट 5.0 / 5
लेख ›
रसुले अकरम व अहले बैत ›
इमामे मोहम्मद तक़ी(अ)
में प्रकाशित
2017-04-06 00:00:00
हिजरी क़मरी कैलेंडर के सातवें ...
सूरे माएदा की आयत संख्या 27 से 31 धरती पर पहले मनुष्य व पहले ईश्वरीय दूत हज़रत आदम और उनके दो बेटों में से एक के दूसरे के हाथों क़त्ल किए जाने की घटना की ओर संकेत करती है। आयत ...
ये वाकिआ 63 हिजरी के ज़िलहिज्जा के महीने मे पेश आया (1)और वाकेआ ऐ हुर्रा के नाम से मशहूर हुआ।(2) करबला के खूनी वाकेऐ के बाद लोग यज़ीद की खबासत और बेदीनी को जान गऐ थे इसलिऐ लोगो ...