इमाम अली नक़ी (अ.स.) तक़रीबन 29 साल मदीना मुनव्वरा क़याम पज़ीर रहे। आपने इस मुद्दते उमर में कई बादशाहों का ज़माना देखा। तक़रीबन हर एक ने आपकी तरफ़ रूख़ करने से ऐहतिराज़ किया। ...
जनाबे फ़ातिमा ज़हरा स. की श्रेष्ठता दिल और आत्मा को इस तरह अपनी तरफ़ खींचती है कि इन्सान की ज़बान बंद हो जाती है। जो भी उनकी श्रेष्ठता और ख़ुदा और उसके रसूल की नज़र में उनके ...
अल्लाह तबारक व तआला ने तमाम आलमें इंसानियत के रुश्द व हिदायत के लिये इस्लाम में कई ऐसी हस्तियों को पैदा किया जिन्होने अपने आदात व अतवार, ज़ोहद व तक़वा, पाकीज़गी व इंकेसारी, ...
मनुष्य जब पैग़म्बरे इस्लाम सल्लल्लाहो अलैहि व आलेही व सल्लम के पवित्र परिजनों के ज्ञान के अथाह सागर के बारे में सोचता है तो वह इन महान हस्तियों के आध्यात्मिक, नैतिक एवं ...
उस समय अब्बासी शासक मोतमिद के हाथ में सत्ता थी। वह सोचता या कि इमाम हसन अस्करी अलैहिस्सलाम को अपने मार्ग से हटाकर वह उनकी याद को भी लोगों के मन से मिटा देगा और वे सदैव के लिए ...
हदीस (1) हज़रत फ़ातिमा ज़हरा स. फ़रमाती हैंः "अगर रोज़ेदार, रोज़े की हालत में अपनी ज़बान, अपने कान और आँख और बदन के दूसरे हिस्सों की हिफ़ाज़त न करे तो उसका रोज़ा उसके लिए ...
मज़लूम के लिये यूँ दिलासा हुसैन है।कटवाके सर जो जीतने वाला हुसैन है। सूखे गले को काट ना पाई सितम की धारबतला रही हैं आयतें जिन्दा हुसैन है। सज्दे को तूल दे दो हबीबे खुदा ...
करबला में इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम और उनके निष्ठावान साथियों की शहादत के पश्चात उनके परिजनों को बहुत कठिन परिस्थितियों में बंदी बना लिया गया। इब्ने ज़ियाद ने करबला के ...
क़यामत के लिये ज़खीरा आज जबकि हमारे पास फ़ुरसत है हमें क़यामत के लिये ज़खीरे की फ़िक्र में होना चाहिये। अमीरुल मोमिनीन (अलैहिस्सलाम) फ़रमाते हैं कि अगर वह चीज़ें जो ...
जब असीरों का क़ाफ़ेला दरबारे इब्ने ज़ेयाद में पहुंचा तो इब्ने ज़ेयाद ने पूछा के वह औरत कौन है जो अपनी कनीज़ों के हमराह एक गोशे में बैठी है? आपने जवाब न दिया उसने दो तीन बार ...
इस्लाम में पड़ोसी के साथ अच्छे व्यवहार पर बड़ा बल दिया गया हैं। परन्तु इसका उददेश्य यह नही हैं कि पड़ोसी की सहायता करने से पड़ोसी भी समय पर काम आए, अपितु इसे एक मानवीय ...
8 रबीउल अव्वल को हज़रत इमाम हसन अस्करी अलैहिस्सलाम का शहादत दिवस है। उन्होंने अपनी 28 साल की ज़िन्दगी में दुश्मनों की ओर से बहुत से दुख उठाए और अब्बासी शासक ‘मोतमद’ के ...
आज मिले अवसर से लाभ उठाओ, कौन जाने "कल" किसका होगा।जिसकी ज़बान सच्ची होगी, उसका चरित्र पवित्र हो जाएगा।विनम्रता यह है कि अन्य लोगों से भेंट के समय उन्हें सलाम करो और बहस से ...
इलाही पैग़म्बरों ने दीन के नेहाल की सिंचाई की क्योंकि उन्हें इंसानी समाजों में भलाई फैलाने की ज़िम्मेदारी सौंपी गई थी। उनका उद्देश्य समाज में तौहीद को फैलाना, अद्ल व ...
इमाम हसन असकरी (अ) ने फ़रमायाः पाँच चीज़ें मोमिन और शियों की निशानी हैं
1. 51 रकअत नमाज़ (रोज़ाना की नमाज़ें, नाफ़ेला और नमाज़े शब)
2. ज़ियारते अरबईन इमाम हुसैन (चेहलुम के दिन की ...
हज एक ऐसी सर्वाधिक वैभवशाली व प्रभावी उपासना है जिसे ईश्वर की पहचान की दृष्टि से अनुपम रहस्यों और तत्वदर्शिताओं का स्वामी कहा जा सकता है। हज के संस्कार नैतिक सदगुणों का ...
बेसत के तेरहवें साल इसी रात हज़रत रसूलुल्लाह स.अ की मक्क-ए-मुअज़्ज़मा से मदीना-ए-मुनव्वरा की ओर हिजरत (पलायन) की शुरुआत हुई, इस रात आप सौर नामक गुफ़ा में रहे और हज़रत अमीरुल ...
इस्लाम दुश्मनों ख़ास कर ब्रिटेन ने इस्लाम को कमजोर करने और मुसलमानों के बीच फूट डालने के लिए जो विभिन्न षड़यंत्र रचे हैं उनमें से एक बहुत ही कारगर षड़यंत्र “इस्लामी ...
आपका नाम अली व आपके अलक़ाब अमीरुल मोमेनीन, हैदर, कर्रार, कुल्ले ईमान, सिद्दीक़,फ़ारूक़, अत्यादि हैं।
आपके पिता हज़रतअबुतालिब पुत्र हज़रत अब्दुल मुत्तलिब व आपकी माता ...
पैग़म्बरे इस्लाम और उनके परिजन सत्य व मार्गदर्शन के नमूने हैं यही कारण हैं कि पैग़म्बरे इस्लाम ने कहा था कि मैं तुम्हारे बीच दो मूल्यवान यादगारें छोड़े जा रहा हूं एक है ...