अल्ला हुम्मा कुन ले-वली'य्येकल हुज्जत' इब्निल हसने सलावातोका अ'लय्हे व अ'ला आ'बा-एही फ़ी हाज़े'हिस सा-अ'ते व फ़ी कुल्ले सा-अ'तिन व'लिय्यावं व हाफ़े'जो व क़ा'एदौं व नासे'रों व ...
हज़रत इमाम रिज़ा अलैहिस्सलाम का जीवन परिचयहज़रत इमाम रिज़ा अलैहिस्सलाम का नाम अली व आपकी मुख्य उपाधि रिज़ा है।माता पिताहज़रत इमाम रिज़ा अलैहिस्सलाम के पिता हज़रत इमाम ...
जो कोई भी खाना खाने से पहले और बाद में हाथ धोता है तो खाने के शूरू और बाद में
उसके लिए बरकत होती है और जब तक जीवित रहता है समृद्ध जीवन बिताता है और शारीरिक बीमारियों से दूर ...
आज पवित्र नगर मदीना में इमाम सज्जाद अलैहिस्सलाम का घर प्रकाशवान है। पूरा मदीना नगर इमाम ज़ैनुल आबेदीन अलैहिस्सलाम के सुपुत्र इमाम मोहम्मद बाक़िर अलैहिस्सलाम के आगमन से ...
अइम्मा (अ.ह.) अपने ऐसे साथियों और अनुयायियों को हुकूमत में शामिल होने का आदेश देते थे जिनमें काफी हद तक राजनीतिक अंतर्दृष्टि और समझ पाई जाती थी जिसका उद्देश्य हुकूमत में ...
जब भी तुम में से कोई दुआ करे तो सबके लिए करे क्योंकि ऐसा करने से दुआ के क़ुबूल होने की संभावना प्रबल हो जाती हैः पैग़म्बरे इस्लाम हज़रत मोहम्मद मुस्तफ़ा सल्लल लाहो अलैहि वे ...
मुहर्रम के आने के साथ ही करबला वालों की याद हृदयों में पुनःजीवित हो जाती है। हर व्यक्ति अपने स्तर से इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के पवित्र आन्दोलन से स्वंय को जोड़ने का प्रयास ...
अल्लाह की कोई भी सिफ़त डराने वाली नही है, न उसकी रहमानीयत में डर है न ही रऊफ़ियत व रज़्ज़क़ियत व ग़फ़्फ़ारियत में, दुआ ए जोशने कबीर में अल्लाह के हज़ार नाम और सिफ़ात बयान हुए ...
आज पैग़म्बरे इस्लाम सल्लल्लाहो अलैहि व आलेहि व सल्लम की पौत्री और हज़रत इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम की बहन तथा इमाम मूसा काज़िम अलैहिस्सलाम की सुपुत्री हज़रत फातेमा मासूमा ...
हज़रत इमाम हसन अस्करी अलैहिस्सलाम: मैं तुम्हें अल्लाह से डरने, धर्म में नैतिकता, सच्चाई के लिए कोशिश करने, जिसने तुम्हे अमानत सौंपी है चाहे वह भला व्यक्ति हो या बुरा, उसकी ...
अरबी शब्दकोषों में शिया शब्द, किसी एक व्यक्ति या अनेक व्यक्तियों का किसी दूसरे का अनुसरण और आज्ञापालन करना, किसी की सहायता व समर्थन करना, तथा कथन या क्रिया में समझौते व ...
सन तीन हिजरी में रमज़ानुल मुबारक की पन्द्रह तारीख़ को पैगम्बरे इस्लाम(स) की बेटी हज़रत फ़ातेमा ज़हरा(स) ने नूरानी वुजूद वाले एक ख़ूबसूरत बेटे को जन्म दिया था । यह फ़ातेमा ...
मुआविया बिन वहब कहते हैं: मैं मदीना में हज़रत इमाम जाफ़र सादिक़ अलैहिस्सलाम के साथ था, आप अपनी सवारी पर सवार थे, अचानक सवारी से उतर गए, हम बाजार जाने का इरादा रखते थे लेकिन ...
इमाम मुहम्मद तक़ी (अ.) जिनकी आयु उस समय लगभग नौ साल थी एक दिन बग़दाद के किसी रास्ते पर खड़े हुए थे और कुछ लड़के वहाँ खेल रहे थे कि अचानक मामून की सवारी दिखाई दी सब लड़के डर कर ...
हज़रत इमाम जाफ़र सादिक़ का नाम जाफ़र, आपकी कुन्नियत अबू अब्दुल्लाह, अबू इस्माईल और आपकी उपाधियां, सादिक़, साबिर व फ़ाज़िल और ताहिर हैं, अल्लामा मज़लिसी लिखते हैं कि ...
इमाम मोहम्मद बाक़िर अलैहिस्सलाम ने फ़रमायाः ऐसे कुछ लोग हैं जो दुनिया के लालची हैं और उन्हों ने अपनी ख़ाहिशात को भी हासिल कर लिया हैं यहाँ तक कि उस काम का अंजाम बद नसीबी और ...
इब्ने सब्बाग़ मालिकी बयान करते हैं कि "जब इमाम हुसैन अ. नमाज के लिए खड़े होते थे तो आपका रंग पीला पड़ जाता था। आपसे पूछा गया कि नमाज के समय ऐसा क्यों होता है? तो आपने कहा: ...
आज मिले अवसर से लाभ उठाओ, कौन जाने "कल" किसका होगा।जिसकी ज़बान सच्ची होगी, उसका चरित्र पवित्र हो जाएगा।विनम्रता यह है कि अन्य लोगों से भेंट के समय उन्हें सलाम करो और बहस से ...
शादी के अगले दिन जब पैगंबर ने अली (अ.स.) से पूछा:ऐ अली तुमने मेरी बेटी जहरा को कैसा पाया? इमाम ने जवाब दिया, फातिमा अल्लाह की इताअत में सबसे अच्छी मददगार ...