इस्लामी हिजरी क़मरी वर्ष के बारहवें महीने ज़िल्हज्जा की 24 तारीख़ को पैग़म्बरे इस्लाम सल्लल्लाहो अलैहे व आलेही व सल्लम तथा नजरान क्षेत्र के ईसाइयों के बीच मुबाहेला हुआ ...
मक्का नगर पर चांदनी बिखरी थी और पूरे नगर पर मौन छाया था किंतु एसा लग रहा था जैसे महान ईश्वरीय दूत हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहो अलैही व आलेही व सल्लम के लिए समय की गति भिन्न थी। ...
हज़रत इमाम रिज़ा अलैहिस्सलाम का नाम अली व आपकी मुख्य उपाधि रिज़ा है।
माता पिता
हज़रत इमाम रिज़ा अलैहिस्सलाम के पिता हज़रत इमाम काज़िम अलैहिस्सलाम व आपकी माता हज़रत नजमा ...
पैग़म्बरे इस्लाम सल्लल लाहु अलैहे व आलेही वसल्लम के परिजनों ने धर्म से दिगभ्रमित करने वाले विचारों और अत्याचारी शासनों के अंधकारमयी कालों में, चमकते हुए सूर्य की भांति ...
तारीख़ी और रिवाई हक़ायक़ इस पर शाहिद हैं कि सरकारे मुरसले आज़म (स) और मौला ए कायनात (अ) की अज़ीमुश शान इलाही व इस्लामी हुकूमत के वुक़ू पज़ीर होने के बाद, इसी तरह इलाही अहकाम व ...
तारीख़ के सफ़हात पर ऐसे सरफ़रोशों की कमी नहीं जिन के जिस्म को तो वक्त के ज़ालिमों और जल्लादों ने क़ैदी तो कर दिया लेकिन उन की अज़ीम रुह, उन के ज़मीर को वह क़ैदी बनाने से आजिज़ ...
ईश्वरीय दायित्व के उचित ढंग से निर्वाह के लिए पैग़म्बरे इस्लाम (स) के परिजनों में से प्रत्येक ने अपने काल में हर कार्य के लिए तार्किक और प्रशंसनीय नीति अपनाता था ताकि ...
आज पैग़म्बरे इस्लाम सल्लल्लाहो अलैहि व आलेहि व सल्लम के पौत्र हज़रत इमाम जाफ़रे सादिक़ अलैहिस्सलाम की शहादत का दुःखद अवसर है।
हज़रत इमाम जाफ़रे सादिक़ अलैहिस्सलाम के ...
जौन बिन हुवैइ बिन क़तादा बिन आअवर बिन साअदा बिन औफ़ बिन कअब बिन हवी (1), कर्बला के बूढ़े शहीदों मे से थे। आप अबूज़र ग़फ़्फ़ारी और इमाम हुसैन (अ) के दास थे। आप अबूज़र ग़फ़्फ़ारी ...
पैग़म्बर और ईश्वरीय मार्गदर्शक, सर्वसमर्थ व महान ईश्वर की असीम कृपा के प्रतीक और विश्व में उसकी दया एवं मार्गदर्शन के स्रोत हैं। वे इतिहास के अंधेरे में प्रज्वलित दीप की ...
यह बात हम सभी जानते हैं कि बनी अब्बास ने अहलेबैत अ.स. के नाम पर बनी उमय्या का तख़्ता पलटते हुए यही कहा था कि हुकूमत और ख़िलाफ़त पैग़म्बर स.अ. के अहलेबैत अ.स. का हक़ है, लेकिन बनी ...
वह लोग सीसा पिलाई हुई दिवार की तरह हैं। सूरः ए सफ़ आयत न. 5 नहजुल बलाग़ा में हज़रत अली अलैहिस्लाम का यह क़ौल नक़्ल हुआ हैं- يوم لک و يوم عليک एक रोज़ तुम्हारे हक़ में और दूसरा ...
संभव है कि किसी के दिमाग़ में यह सवाल उठे कि आख़िर क्यों चेहलुम के दिन इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम की ज़ियारत को इतना अधिक महत्व दिया गया है? आख़िर क्यों हमें इस दिन को इतने ...
हज़रत अली अलैहिस्सलाम के वीर पुत्र हज़रत अब्बास के शुभ जन्मदिवस पर आप सबकी सेवा में बधाई प्रस्तुत करते हैं। जब हम आस्था, वीरता और निष्ठा के उच्च शिखर की ओर देखते हैं तो ...