अहलेबैत समाचार एजेंसी (अबना) की रिपोर्ट के अनुसार आशूर के दिन इमाम हुसैन अ. की पाक व पाकीज़ा क़ब्र की असली मिट्टी जो आपके म्युज़ियम में रखी हुई है दर्जनों श्रद्धालुओं की आख़ों के सामने देखते ही देखते ताज़े ख़ून में परिवर्तित हो गई।
1400 साल गुज़रने के बाद भी आसमान व ज़मीन बल्कि पूरा ब्रहमाण्ड इमाम हुसैन की शहादत का ग़म मना रहा है।
यह घटना बहुत से आश्चर्यचकित श्रद्धालुओं की आख़ों के सामने अंजाम पाई और इमाम हुसैन अ. तथा हज़रत अब्बास अ. के रौज़ों के आधिकारिक सूत्रों ने औपचारिक रूप से इसकी पुष्टि की है। जैसा कि फ़ोटो में भी साफ़ नज़र आ रहा है।
शिया और सुन्नी किताबों में आया है कि पैग़म्बरे इस्लाम स.अ. ने एक मुठ्ठी ख़ाक अपनी पत्नी जनाबे उम्मे सलमा को दी और उनसे कहा कि जब यह मिट्टी ख़ून में बदल जाए तो समझ लेना कि मेरा बेटा हुसैन शही कर दिया गया है।
قال رسول الله (ص): يا أم سلمة إذا تحولت هذه التربة دما فاعلمي أن ابني قد قتل.
ऐ उम्मे सलमा जब यह मिट्टी ख़ून में बदल जाए तो तुम समझ लेना कि मेरा बेटा हुसैन शहीद कर दिया गया है।
source : http://abna.ir