पुस्तक का नामः पश्चताप दया का आलंगन
लेखकः आयतुल्लाह अनसारियान
दोषी व्यक्ति के लिए जब यह सिद्ध हो गया कि पाप अतंर्निहित समस्या नही है, बलकि यह रोग उन बीमारीयो के समान है जो मानव के शरीर को प्रभावित करने का कारण बनते है, यह बीमारी जो मानव की आत्मा तथा हृदय की उपस्तिथि मे विकसित होती है, क्योकि चिकित्सक से संपर्क तथा औषधि का प्रयोग करने से शारीरिक रोग उपचार योग्य है। आध्यात्मिक रोगो के लिए भी चिकित्सक है कि जिन से संमपर्क करने तथा उनके आदेशो का पालन करने से हृदय, आत्मा और अंगो के रोगो का नाश किया जा सकता है, चाहे रोग कितना ही दीर्घकालिक क्यो न हो! इस प्रकार के रोगो के चिकित्सक ईश्वर, ईश्वरीय दूत (पैगंमबर), निर्दोष नेता (इमाम) तथा विद्वान है।
पापी के पाप का उपचार करने हेतु ईश्वरीय नुस्ख़ा पवित्र क़ुरआन तथा ईश्वरीय दूत, निर्दोष नेता एवं विद्वानो का नुस्ख़ा उनके भाषण, सहानुभूतिशील सलाह तथा उपदेश है।