इराक़ के एक वरिष्ठ सैन्य अधिकारी अल आमिरी का कहना है कि अगर ईरानी सैन्य परामर्श और सहयोग न होता तो आईएसआईएल आतंकवादियों का पूरे इराक पर कंट्रोल हो जाता, ईरान पहला देश है जिसने इराक के निमंत्रण पर उसकी मदद की है। रिपोर्ट के अनुसार इराक के एक शीर्ष सैन्य सलाहकार और बद्र मुजाहिदीन के कमांडर हादी अल आमिर का कहना है कि अगर ईरानी सैन्य परामर्श और सहयोग न होता तो आईएसआईएल आतंकवादियों का पूरे इराक पर कंट्रोल हो जाता, ईरान पहला देश है जिसने इराक की दावत पर मदद की है। उन्होंने कहा कि इस समय 4 हजार अमेरिकी सैनिक सलाहकार इराक में मौजूद हैं लेकिन पता नहीं कि कुछ अरब देश क्यों ईरानी सैन्य सलाहकारों की मौजूदगी पर ज़्यादा गम्भीर हैं। अल-आमिरी ने कहा कि करकूक और तिकरित की आज़ादी में ईरानी सलाहकारों ने हमारा साथ दिया और जहां ईरानियों ने हमारा साथ दिया वहाँ हमें सफलता हासिल हुई। अगर ईरानी सलाहकार न होते तो पूरे इराक पर आईएसआईएल आतंकवादियों का कब्जा हो जाता।
source : abna